GPS Based Toll Collection
- दिसम्बर 19, 2020
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The central government has finalized toll collection based on GPS technology to ensure uninterrupted movement of vehicles across the country. He said that this will ensure that India becomes toll free in the next two years.
Speaking at an industrial event, the minister said that the toll amount will be deducted directly from the bank account based on the vehicle’s activity. By the way, now all commercial vehicles are coming with a system to tell its status, the government will introduce a plan to introduce GPS technology in older vehicles.
He said that toll collection will reach Rs 34,000 crore in March 2021 and the use of GPS technology for toll collection will increase to Rs 1.34 lakh crore in the next five years. There will be no lapse in collection of collection by the use of technology and money can be transferred in a transparent manner.
The government has introduced RFID (Radio Frequency Identification) tag for uninterrupted toll collection at plazas.
The government introduced FASTAG based electronic toll collection system from December 15, 2019 on all toll plazas of NHAI.
The government has recommended the use of Fastag on at least 75 per cent of the toll plazas and limited the cash payment to 25 per cent of the lanes.
जीपीएस आधारित टोल संग्रह
केंद्र सरकार ने देश भर में वाहनों की बाधा रहित आवाजाही को सुनिश्चित करने के लिए जीपीएस तकनीक आधारित टोल संग्रह को अंतिम रूप दे दिया है। उन्होंने कहा कि इसमें यह सुनिश्चित होगा कि भारत अगले दो वर्ष में टोल मुक्त हो जाए।
एक औद्योगिक कार्यक्रम में बोलते हुए मंत्री ने कहा कि वाहन की गतिविधि के आधार पर टोल की राशि सीधे बैंक खाते से कट जाएगी। वैसे तो अब सभी वाणिज्यिक वाहन उसकी स्थिति को बताने वाली प्रणाली से युक्त होकर आ रहे हैं, सरकर पुराने वाहनों में जीपीएस तकनीक लगाने की योजना लाएगी।
उन्होंने कहा कि मार्च 2021 में टोल संग्रह 34,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा और टोल संग्रह के लिए जीपीएस तकनीक के इस्तेमाल से आगामी पांच वर्ष में यह 1.34 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा। तकनीक के इस्तेमाल से वसूली के संग्रह में चूक नहीं होगी और पैसे का अंतरण पारदर्शी तरीके से हो सकेगा।
प्लाजाओं पर अबाधित रूप से टोल संग्रह के लिए सरकार ने आरएफआईडी (रेडियो आवृति पहचान) टैग की शुरूआत की है।
स्रकार ने एनएचएआई के सभी टोल प्लाजाओं पर 15 दिसंबर, 2019 से फास्टैग आधारित इलेक्ट्राॅनिक टोल संग्रह तंत्र की शुरूआत की थी।
स्रकार ने टोल प्लाजा के कम से कम 75 फीसदी लेनों पर फास्टैग के इस्तेमाल की सिफारिश की है व नकद भुगतान को 25 फीसदी लेन तक सीमित किया है।