Growth of real estate will end the sluggishness of the plywood industry
- जून 3, 2020
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प्लाइवुड इंडस्ट्री की सुस्ती को खत्म करेगी रियल एस्टेट की ग्रोथ
क्योंकि रियल एस्टेट में प्लाई की मांग बहुत ज्यादा रहती है। बिल्डर और डेवलपर्स इस उम्मीद में हैं कि जो मौजूदा सुस्ती है, वह छह माह में खत्म हो सकती है।
मौजूदा दौर निश्चित ही चिंता का है। क्योंकि लगातार लॉकडाउन की वजह से हर क्षेत्र में गिरावट आयी है। लेकिन रियल एस्टेट और बिल्डरों का यह भी मानना है कि एक बार स्थिति सामान्य होते ही छह माह के भीतर वह दोबारा से उसी रफ्तार को पकड़ सकते हैं, जो लॉकडाउन से पहले थी। कम से कम शापूरजी प्लोनजी के कार्यकारी अधिकारी वैकटेश गोपाल कृष्णन का मानना है कि उनकी कंपनी इस संकट से उभर जाएगी। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि एक बार फिर से वक्त बदलेगा। उन्होंने अपनी बातचीत में कहा कि अप्रैल माह में कंपनी ने 100 से ज्यादा आपार्टमेंट की बिक्री की है। यह हालांकि कुल होने वाली बिक्री का 25 से 30 प्रतिशत है। फिर भी यह नहीं कहा जा सकता कि बिक्री शून्य रही है। उन्हेांने बताया कि निश्चित ही आने वाले समय में कंपनी को अपने काम करने के तरीके में बदलाव करना होगा। कुछ खर्च कम करने होंगे, कुछ खर्च बढ़ भी जाएंगे। अब हम लोगों की भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रख कर फ्लैट बनाने जा रहे हैं।
हमने तय किया है कि कम से कम तीन बेडरुम का फ्लैट बनाया जाए। क्योंकि वर्क टू होम का कल्चर विकसित हो रहा है। निश्चित ही इस तरह का प्रयोग आगे भी जारी रहेगा। यदि ऐसा होता है तो हर किसी को एक कमरा तो अपने आफिस के लिए अतिरिक्त चाहिए होगा। इसी तरह से नकदी के प्रवाह को कंट्रोल करने की दिशा में भी काम किया जा रहा है। इसके लिए बैंक से भी मदद ली जा रही है। बैंक के भुगतान के लिए उचित समय लिया जाएगा। जहां तक बिक्री का सवाल है तो इसके लिए हम अब डिजिटल प्लेटफार्म पर भी काम कर रहे हैं। हमने इसके लिए नेट की मदद ली है। हम अपने कस्टमर को वर्चुअल प्लेटफार्म पर वास्तविक साइट का अनुभव करा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में जो हालात है, एक बार स्थिति यदि सामान्य हो जाती है तो चीजों के सुधरने में ज्यादा वक्त नहीं लगना चाहिए । हद से हद छह माह में हम सब कुछ कंट्रेाल कर लेंगे।
दूसरी ओर कॉन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इडिया ने प्रधानमंत्री को एक पत्र लिख कर रियल एस्टेट में अतिरिक्त राहत देने की मांग की है। इसके साथ ब्याज दर कम करने की भी मांग पत्र में उठायी गयी है। एसोसिएशन ने कहा कि हालांकि कर्ज की किस्त टालने की सुविधा मिली है। लेकिन यह छोटी अवधि के लिए राहत है। लेकिन चुंकि यह बहुत मंदी का दौर है, इसलिए सरकार इससे निपटने के लिए एक मुश्त पुनर्गठन को मंजूरी दे। रियल एस्टेट में कर्ज देने वाली सभी संस्थाओं को यह भी निर्देश दिए जाने चाहिए कि वह कम से कम 20 प्रतिशत अतिरिक्त नगदी उपलब्ध कराए।
इधर प्लाइवुड उद्योग के जानकारों का कहना है कि जिस तरह से रियल एस्टेट सेक्टर इन हालात से निपटने के लिए खुद को खड़ा कर रहा है। इसी तरह से हमें भी इन उपायों पर विचार करना चाहिए। इनका कहना है कि जितनी तेजी से रियल एस्टेट क्षेत्र इस स्थिति से बाहर आकर रफ्तार पकड़ेगा, उसी तेजी से प्लाइवुड में भी उछाल आएगा। इसलिए यह सोचना बेमानी है कि आने वाले समय में स्थिति खराब हो सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि हमें बेहतर की उम्मीद करनी चाहिए। निश्चित ही बेहतर समय आएगा। इसके लिए हर कोई अपने अपने स्तर पर प्रयास कर रहा है।