High court strict on Punjab’s plywood unit running without license
- अगस्त 26, 2021
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Four units sealed, chaos among operators
The Small Plywood Manufacturers Association of Punjab had filed a petition in the High Court of Punjab and Haryana alleging that extra presses and machineries have been installed than licensed capacity in many plywood units in Punjab. Extra plywood is being produced in a wrong way, it alleged. Advocate for the association DS Gandhi told the court that this is a big fraud. In which tax evasion is also taking place. The petitioner had also accused the Punjab Forest Department that due to their negligence and collusion, the fraudulent activities is going on.
On 19.08.2021 In the High Court, Kulraj Singh Forest Officer Hariana (Hoshiarpur Punjab) presented the report on behalf of Hoshiarpur Forest Division. In which he briefed that a total of 196 licenses have been issued to WBI in Hoshiarpur, Punjab. In the survey conducted by the Punjab Forest Department, 32 units were found to be in violation of applicable rules. Out of this, four units were running without any license. All the four units were sealed by The forest department. The excess machines which were installed in seven units have been dismantled. Sealing orders have been issued to the rest of the 20 units.
On the same lines, action has also been taken in Pathankot area.
There are 13 WBI in Pathankot. Two of them don’t have proper licence. They have approached court and the case is pending. Five units were found with excess machineries which were dismantled by DFO Pathankot.
The High Court noted that though one of the firms had approached to the court against this action, with further prayer for issuance of a writ in the nature of mandamus directing the respondents to grant license/registration to the petitioner for enhanced machinery. His application was disposed off on August 13 wherein the authorities have been directed to take action only after affording an opportunity of hearing to the effected firm. Therefore, before further proceeding, it has been ordered to issue appropriate notice to the concerned unit.
The next hearing of the case has now been fixed on 11.October. 2021.
Before the hearing on this date, the Forest Department was ordered to file the status report.
बिना लायसेंस चल रही पंजाब की प्लाइवुड ईकाईयो पर हाई कोर्ट सख्त
चार यूनिट सील की, संचालकों में अफरा तफरी
पंजाब की स्मॉल प्लाइवुड मैन्यूफैक्चरर्र एसोसिएशन ने हाई कोर्ट ऑफ पंजाब एवं हरियाणा में एक याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि पंजाब में कई प्लाईवुड ईकाइयों में लाइसेंस में उल्लिखीत क्षमता से ज्यादा प्रेस और मशीन लगाई गई है। यहां गलत तरीके से प्लाईवुड का ज्यादा उत्पादन हो रहा है। एसोसिएशन के एडवोकेट डीएस गांधी ने अदालत में बताया कि यह बहुत बड़ा घोटाला है। जिसमें टैक्स की भी चोरी हो रही है। याचिकाकर्ता ने पंजाब के वन विभाग पर भी आरोप लगाया था कि उनकी अनदेखी और मिलीभगत की वजह से यह गड़बड़ी हो रही है।
19.08.2021 में उच्च न्यायालय में हरियाणा (होशीयारपुर पंजाब) के फॉरेस्ट अधिकारी कुलराज सिंह ने होशियारपुर वन मंडल की ओर से रिपोर्ट पेश की गई। जिसमें उन्होनें बताया कि पंजाब के होशियारपुर में कुल 196 लाइसेंस WBI को दिए गए हैं। पंजाब फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की ओर से किए गए सर्वे में यहां 32 यूनिट ऐसी पाई गई जो तय शर्त पूरी नहीं कर रही थी। इसमें से चार युनिट तो ऐसी है, जो लाइसेंस के बिना ही चल रही थी। चारों ईकाईयों को वन विभाग ने कार्यवाही करते हुए बंद करवा दिया। सात यूनिट में जो अतिरिक्त मशीन लगी हुई थी, उन्हें खुलवा दिया गया है। इसके अलावा 20 यूनिटों को बंद करने के आदेश पारित कर दिये गए है।
इसी तर्ज पर पठानकोट क्षेत्र में भी कार्यवायी की गई है।
पठानकोट में कुल 13 इकाइयां हैं। जिनमें से दो के पास लायसेंस नहीं हैं। इन दोनों ने कोर्ट में याचिका दायर की हुई है। इनके अलावा अन्य पांच इकाइयों में जो अतिरिक्त मशीनें लगी हुई थीं उन्हें डीएफओ पठानकोट द्वारा खुलवा दिया गया है।
हाई कोर्ट ने बताया कि यद्दयपि एक युनिट संचालक ने इस कार्यवाही के खिलाफ अदालत में अर्जी दी थी, साथ ही उन्होने आग्रह किया था कि वर्धित मशीनों का लायसेंस प्रदान करने के लिए सबंधित अधिकारीयों को आदेश दिया जाय । उसकी अर्जी 13 अगस्त को इस आदेश के साथ खारिज कर दी गई कि कार्यवाही से पहले अथॉरिटी युनिट संचालक को अपनी बात रखने का पूरा मौका देगी। इसलिए कार्यवाही से पहले इस युनिट के संचालक को उचित नोटिस जारी करने का आदेश दिया गया है।
मामले की अगली सुनवाई अब 11 अक्टूबर 2021 को सुनिश्चित की गई है।
इस तारीख पर सुनवाई से पहले वन विभाग द्वारा स्टेट्स रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया गया।