प्रधानमंत्री आवास योजना पीएमएवाई में केंद्र सरकार ने पुनः वित्तीय मदद देने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से 3 करोड़ अतिरिक्त आवास इकाइयों के निर्माण में तेजी आएगी। इससे सस्ते घरों की आपूर्ति में भी वृद्धि होगी। पीएमएवाई योजना हर किसी को छत उपलब्ध कराने के उद्देश्य को सामने रख कर केंद्र सरकार ने शुरू की है।

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में लिए गए इस फैसले से अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, क्योंकि रियल एस्टेट कारोबार 250 से अधिक सहायक उद्योगों के साथ जुड़ा हुआ है। सरकार ने जून 2015 में पीएमएवाई मिशन शुरू किया था। पीएमएवाई योजना के पीछे सरकार की सोच है कि आवास जैसी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करके सामाजिक समानता बनायी जाए। इससे सतत विकास के व्यापक लक्ष्यों में योगदान देता है, जिससे सभी के लिए जीवन की बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित होती है।

रियल एस्टेट क्षेत्र देश में सबसे ज्यादा रोजगार आपूर्त्तिकारक है। जिसे पीएमएवाई योजना के विस्तार से काफी लाभ होगा। जाहिर है, इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। आर्थिक विकास को गति मिलेगी।

योजना से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में नए घर बनाए जाएंगे। इंफ्रा परियोजनाओं के माध्यम से कई बाजार खुलने की उम्मीद है, जिससे विकास और निवेश के अवसरों को बढ़ावा मिलेगा।

फरवरी में अंतरिम बजट में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पीएमएवाई-ग्रामीण (पीएमएवाई ग्रामीण) के तहत 5 वर्षों में अतिरिक्त 20 करोड़ घर बनाने की घोषणा की थी। पीएमएवाई के लिए बजटीय आवंटन भी पिछले वित्त वर्ष के 79,590 करोड़ रुपये से बढ़ाकर वित्त वर्ष 2025 के लिए 80,671 करोड़ रुपये कर दिया गया था।

पीएमएवाई योजना के तहत, केंद्र सभी पात्र परिवारों और लाभार्थियों को घर उपलब्ध कराने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कार्यान्वयन एजेंसियों के साथ-साथ केंद्रीय नोडल एजेंसियों (सीएनए) को वित्तीय सहायता देता है। सरकार के अनुसार, पिछले एक दशक में इस योजना के तहत 4.21 करोड़ से अधिक घर बनाए गए हैं।