आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा कि 2024 में ब्याज दरों में गिरावट जारी रहनी चाहिए। इसके साथ ही आगह भी किया कि अंतिम लक्ष्य तक पहुचंने के लिए नीति में किसी तरह की कमी न रह जाए। क्योंकि तय लक्ष्य तक पहुंचना खासा पेचीदा हो सकता है।

विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक 2024 के दौरान एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंकों को समय से पहले सख्ती नहीं करनी चाहिए। क्योंकि यदि समय से पहले सख्ती की तो वह उस लक्ष्य को खो सकते हैं,जो वह हासिल कर रहे होते हैं।

2024 में सकारात्मक रुझान जारी रहने की उम्मीद करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति दर औसतन कम हो रही है।‘‘ अब हमारे पास बहुत से विकल्प है।

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कुछ देशों में, काम पहले ही पूरा हो चुका है, और मुद्रास्फीति इतनी कम है कि उनके पास एक उदार मौद्रिक नीति होनी चाहिए। उन्होंने विभिन्न देशों के नीति निर्माताओं से आग्रह किया कि वह सावधानी बरतने और डेटा पर ध्यान केंद्रित करे। क्योंकि जरा सी चूक भी खेल खराब कर सकती है।

“अमेरिका में श्रम बाज़ार बहुत तंग है। इसका क्या मतलब है? लोगों के पास खर्च करने के लिए अधिक पैसा है। जब वे अधिक खर्च करते हैं, तो इससे कीमतों पर दबाव बढ़ता है। इस तरह से जो उद्देश्य है, उस तक पहुंचना निश्चित ही छल पूर्ण भरा हो सकता है।


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