उ०प्र० सरकारं एवं माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा प्रदेश के किसानों की आय दोगुनी करने हेतु जो अथक प्रयास किये जा रहे है, वह अत्यंत ही सराहनीय है। जिसके तहत प्रदेश में काष्ठ आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये उ०प्र० सरकार के द्वारा नये उद्योग स्थापित करने हेतु नये लाइसेंस भी जारी किये गये है। जिससे कि प्रदेश में काष्ठ आधारित उद्योगों की स्थापना हो और किसानो को उनके द्वारा विक्रय किये गये पेड़ों का ज्यादा मे ज्यादा मूल्य मिल सके। ताकि किसानों की आय दोगुनी होने में एक कदम बढ़ सकें।

परंतु उद्यमियों के द्वारा नये उद्योगों को स्थापित एवं संचालित करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिसके संबंध में हम आपको अवगत करना चाहते हैं...

  1. उ० प्र० सरकार के द्वारा 1.5 % मण्डी शुल्क लकड़ी तथा लकड़ी से बने उत्पाद पर लिया जा रहा है। जिससे कि हमारे उत्पादों की लागत अन्य प्रदेशो की अपेक्षा अधिक हो जाती है। अतः आपसे अनुरोध है कि जिस तरह आपके द्वारा खाध प्रसंस्करण इकाइयों को मण्डी शुल्क से छूट प्रदान की है उसी तरह काष्ठ आधारित उद्योगों से मण्डी शुल्क की छूट प्रदान किया जाये।
  2. देश व प्रदेश के बाहर से आने बाली लकड़ी व उसके उत्पाद, जो की हमारे तैयार माल में कच्चे माल की तरह प्रयोग होते है इस पर मण्डी विभाग के स्पष्ट नियम न होने के कारण, हम उद्यमियो से उस पर भी मण्डी शुल्क वसूला जाता है। इससे उद्यमी भारी आर्थिक संकट का सामना कर रहे है। अतः प्रदेश के बाहर से आनेवाले कच्चेमाल (लकड़ी व लकड़ी आधारित उत्पाद पर) मण्डी शुल्क नहीं होना चाहिए।
  3. वर्तमान में टिंबर एंव टिंबर से बने उत्पाद पर 18 प्रतिशत जी एस टी का प्रावधान है। कृषि आधारित उत्पादों पर या तो जी एस टी नहीं है, यदि है, तो 5 प्रतिशत है। हमारे उत्पादों पर 18 प्रतिशत से कम करते हुये 5 प्रतिशत जी एस टी का प्रावधान होना चाहिए।

औद्योगिक इकाईयों एवं कृषकों के मध्य समन्वय संगोष्ठी कार्यक्रम

  • Shri Manoj Kumar Singh Add’l. Chief Secretary, EF & CC Deptt. Govt. of UP         
  • Shri Ashish Tiwari, IFS. Secretary EF & CC Deptt. Govt. of UP
  • Shri Ashok Kumar Agarwal Ex president IIA, President UP Ply Manufacturers Welfare Association
  • Shri Deepak Agarwal, Secretary UP Ply Manufacturers Welfare Association
  1. वर्तमान में टिंबर एवं टिंबर से बने उत्पाद पर ई वे बिल की सीमा Rs 50,000/- है। इस सीमा को समाप्त करने हुए शून्य किया जाये ताकि कर चोरी पर अंकुश लग सके।
  2. प्रदेश से गोल लकड़ी अन्य प्रदेशो में आपूर्ति की जा रही है। जिसे, गोल लकड़ी जाने के स्थान पर विनियर या चिरान करके जाने से हमारे प्रदेश को ज्यादा रोजगार व राजस्व बढेगा। अतः (गोल लकड़ी) को प्रदेश से बाहर जाने से रोका जाये इस नियम से पर्यावरण व किसानो की आय तथा उद्यमी को काफी लाभ होगा।
  3. व्यक्तिगत भूमि पर लगाये गए किसी भी प्रकार के पौधों के कटान व परिवहन पर-वन विभाग व पुलिस की कोई रोक टोक नहीं होनी चाहिए, इस हेतु उ०प्र०वन अधिनियम में परिवर्तन की आवश्यकता है।
  4. कार्बन क्रेडिट स्कीम को धरातल पर लागू किया जाये, इससे पर्यावरण व किसानो व उद्योगों को बहुत लाभ होगा।
  5. किसान अपनी लकड़ी को ट्रैक्टर- ट्रॉली से भर कर फैक्ट्री तक लाता है, उसे यातायात विभाग व पुलिस मे परेशानी का सामना करना पड़ता है। अतः उन दोनों विभागों को स्पष्ट आदेश जारी होने चाहिए कि किसानो को लकड़ी के परिवहन पर परेशान न करें।
  6. बिजली एक महत्वपूर्ण विषय है। उद्योग के लिए आज माननीय मुख्यमंत्री जी ने जो सपना देखा है उसे हम उद्यमी लोग पूर्ण करने के लिए तत्पर है। लेकिन उद्योग लगाने के लिए छोटे शहरों में Industrial Area नहीं है (जिस कारण नए उद्योग ग्रामीण इलाकों में लग रहे है। लेकिन वहां बिजली की व्यवस्था सुचारू रूप से नहीं। कृप्या कर के ग्रामीण इलाकों में स्थापित उद्योग को 20-22 घण्टें बिजली मिलनी चाहिए।
  7. मैं श्री अशोक अग्रवाल जी का धन्यवाद देना चाहता हुँ जो विगत 30 वर्षों से प्लाईवुड इण्डस्ट्रीज में आने वाली परेशानीयों को दूर करने में हमारे उद्यमी भाइयों की मदद करते आ रहें हैं।