• सुरेश बाहेती

आज के इस महत्वपूर्ण बेबीनार में उपस्थित सभी महानुभावों का हार्दिक स्वागत है।

हमारा आज का कार्यक्रम श्री राजेश कलाजे जी की उपस्थिति में किया जा रहा है, जो IWST के वर्तमान Director in charge हैं। श्री राजेश जी 2001 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के आफिसर हैं, जिन्होंने कर्नाटक से Forestry Science में Post Graduation किया है। Agro Forestry और Production Forestry में राजेश जी की गहरी रुचि है। श्री राजेश जी का बहुत बहुत स्वागत है।

आज भी, उद्योगपतियों के मन में QCO के बारे में बहुत सारे सवाल घुमड़ रहे हैं।

हालांकि डेढ़ साल से चली आ रही CED 20 की बैंठको में, BIS की Specification में काफी कुछ सकारात्मक परिर्वतन करवाया गया है, जो पिछले कई सालों से प्रतिक्षारत था।

उड टेक्नोलॉजीस्ट एसोसिएशन के प्रधान श्री सुभाष चन्द्र जौली जी की प्रेरणा से प्लाई इनसाइट ने भी जन जागरण में प्रभावी भूमिका निभाई है।

सबसे बड़ा परिवर्तन तो शायद ग्रेड की मार्किंग में हुआ है। यहां मौजुद विद्वान इस बारे में विस्तार से बताएंगे।

हालांकि अभी भी उद्योग के दिमाग में कुछ शंकाएं है जैसे उदाहरण के लिए

  • Testing के लिए Sampling policy
  • Market में फर्जी ISI वाले उत्पाद
  • प्रति BIS लायसेंस पर होने वाले खर्च

एक दुविधा जरूर हैं-

बाजार में चल रही मंदी में ये परिवर्तन और अधिक परेशानी बढ़ानें वाला माना जाए या सुरक्षित और उज्जवल भविष्य के लिए समय का सदुपयोग।

  • सुभाष जौली

इस महत्वपूर्ण वेबीनार में उपस्थित सभी पेनीलीस्टों का स्वागत है। विशेष रूप से IWST के वर्तमान director in change श्री राजेश कल्लाजे सर का। हमें पूर्व डायरेक्टर डा. एम. पी सिंह का हमेशा सहयोग मिला है। आशा करते है कि राजेश सर भी अपना आर्शीवाद हमें देते रहेंगे।

IS 303 के Specifications में कई Amendment किए गए हैं और सभी विवेचना के लिए Wide Circulation के लिए डाली गई है। आप सभी से अनुरोध है कि इसकी विवेचना करें और इसमें कोई दिक्कत हो तो उसे प्रकाश में लाया जाए ताकि समाधान का प्रयास किया जा सके।

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  • राजेश कल्लाजे

यद्यपि मुझे इस विषय में गहरी रूचि है। लेकिन चूंकि मैने अभी अभी IWST का पद ग्रहण किया है। और इस विषय पर पहली बार सक्रिय रूप से शरीक हो रहा हूं। अतः मैं आप लोगों द्वारा उठाई गई उद्योग की प्रत्येक समस्या को बारिक से समझने का प्रयास करूंगा और समझूंगा कि IWST कैसे इसका समाधान कर सकेगा।

  • डॉ. सीएन पांडे
  • सरल किए गए 303 के मानकों पर उद्योग जागरूक हो:

आईएस 303 को काफी सरलीकरण कर दिया गया है। हालांकि इसे उद्योगपत्तियों के आंकलन के लिए प्रकाशित कर दिया गया है। फिर भी ऐसा लग रहा है कि इस बारे में अधिकतर उद्योगपति अनजान है। इस पर खुल कर चर्चा की जानी चाहिए। जिससे इसमे स्पष्टता आ सके।

इस ड्राफ्ट को तैयार करते वक्त ध्यान रखा गया कि हमारी जो एमआर ग्रेड की प्लाई है, वह अमुमन सभी टेस्ट में पास हो जाए। इसमें जो भी बदलाव किए गए हैं, वह उद्योगपतियों के सुझाव और चर्चा से ही किए गए हैं।

जहां तक क्वालिटी कंट्रोल आर्डर की बात है, अब इस पर आगे बढ़ना ही एकमात्र रास्ता है। क्योंकि बाहर से जो भी माल आयात हो रहा है, उनकी गुणवत्ता कम है। इस वजह से उसके रेट कम है। इससे हमारे उद्योग को झटका लगता है। इसलिए हम तो यह चाहेंगे कि क्वालिटी कंट्रोल को अब हर हाल में लागू हो जाना चाहिए। सरकार ने तो अपने स्तर पर निर्णय ले लिया है। अब आपके हाथ में हैं, इसे कैसे लागू किया जाएं।

आईडब्ल्यूएसटी और बी आई एस उद्योपगतियों को इस बारे में जागरूक कर रहे हैं। जहां तक दूसरे स्टैंडर्ड की बात है, इसमें मुख्य मुद्दा कैमिकल संरक्षण ट्रीटमेंट को लेकर आ रही है। इस पर विचार विमर्स हो रहा है। जैसे ही इसका फीडबैक आएगा, इसमें भी बदलाव कर दिया जाएगा।

ब्लाक बोर्ड में अभी भी समस्याएं है, इसकी मजबूती के लिए वेल्यू कितने होने चाहिए, टेस्टिंग में कितना लोड रखा जाए। क्योंकि छोटे-छोटे टुकड़ों से बनने की वजह से इसके सेंपलों में काफी भिन्नता पायी गई है। इसका डाटा जुटाया जा रहा है। इसकी वेल्यू अभी निश्चित नहीं हो पायी है। पिछले दस सालों में उद्योग में काफी बदलाव आया है।

एमडीएफ और पार्टिकल बोर्ड, विनियर पार्टिकल बोर्ड आदि है, इस पर भी उद्योग की ओर से फीड बैक आने चाहिए। क्योंकि यदि एक बार इसके भी मानक निश्चित हो गए तो उद्योगपतियों को उनका पालन करना अनिवार्य होगा।

तब यदि समस्या आती है तो इसका निदान करना मुश्किल हो सकता है। इसलिए अभी वक्त है।

इस दिशा में कदम उठा कर इस बारे में अपने विचार से अवगत कराना उचित होगा।


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