• जेके बिहानी
  • ब्लॉक बॉर्ड के मानकों का भी सरलीकरण:

क्यूसीओ मानकों में कोई बड़ी समस्या नहीं है। 303 के मानक ठीक है। एमओआरध्एमओई के बारे में मेरा मानना है कि हम क्योंकि कम उम्र की लकड़ी से प्लाई बना रहे हैं। युकेलिप्टिस और पापलर हम प्रयोग कर रहें है। इसलिए इससे मानकों को पूरा करने मे थोड़ी दिक्कत आ सकती है, पर अधिकांशतः प्राप्त किया जा सकता है।

ब्लॉक बोर्ड में हम पतली, टेढी या तिरछी लकड़ी के उपयोग से बोर्ड तैयार करते है। ब्लाक बोर्ड का आयात तो हो नहीं रहा। इसका घरेलु उत्पादन भी अब कम हो रहा है। इसमें एमओआरध् एमओई को हासिल करने में दिक्कत आ रही है। ब्लाक बोर्ड के उत्पादन को बढ़ावा देना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि इसमें पीलिंग ग्रेड की लकड़ी का इस्तेमाल करने के बाद बची हुई लकड़ी प्रयोग में आ जाती है। इसकी स्पेसीफीकेशन भी प्लाइवुड की तरह कर दिया जाए तो समस्या का हल आसानी से निकल सकता है।

सैंपल की समस्या भी बीआईएस में आ रही है। सैंपल की संख्या बहुत ज्यादा है। एक लाइसेंस के साल भर में छह सैंपल लिए जाने का प्रावधान रखा गया है। ऐसे तो उद्योगपति सैंपल में ही फंस कर रह जाएगा।

सैंपल की संख्या कम और तर्कसंगत होनी चाहिए। क्योंकि इस उद्योग में दक्ष श्रमिकों का अभाव है। लेकिन अकुशल श्रमिकों का बहुत बड़ा रोजगारदाता है। सबसे उत्तम स्थिति तो यह होगी कि मार्केट से सैंपल लेने की बजाय सिर्फ इकाई से ही सैपल लिए जाएं।

  • सुरेश बाहेती- आपने मार्केट सेंपल ना लेने की सिफारिश की है। बाजार में फर्जी ISI वाले उत्पादों को कैसे नियंत्रीत करेंगें।
  • जे के बिहानी- फर्जी उत्पादों के नियंत्रण का मार्केट सेंम्पल से कोई सम्बन्ध नहीं है। बल्कि फर्जी मार्किंग वाले माल जब हमारे नाम से सेंम्पल के लिए उठा लिए जाते हैं, तो हमें टेस्टींग रिपोर्ट में शिकायत आती है यह कई बार फेल हो जाता है। इसलिए हमारा आग्रह है कि सेंपल या तो उत्पादक से या फिर first point of sale से लिए जांए। तीसरी जगह से नहीं।
  • सुरेश बाहेती- बाजार में अगर फर्जी ISI वाले माल खुलेआम बिकते रहें तो क्या QCO का उद्देश्य सफल हो पाएगा?
  • जे के बिहानी- इसका भी कुछ न कुछ समाधान BIS और DPIIT वाले जरूर खोज निकालेंगे।
  • देवेंद्र चावला
  • बीआईएस को फैक्ट्री से सहयोग करते हुए सिर्फ फैक्ट्री से सैंपल लेने चाहिए:

हमारा उद्योग मुश्किल दौर से गुजर रहा है। बीआईएस के सैंपल बाजार से न उठाए जाए। सैंपल सिर्फ हमारी फैक्टरी से उठाए जाएं। एक बार बीआईएस प्रचलन में आ जाए, इसके बाद सख्ती बरती जाए। अभी शुरूआत में सख्ती की बजाय बीआईएस का व्यवहार उद्योग के प्रति सहयोगात्मक रहना चाहिए।

क्योंकि कई बार बाजार में नकली माल भी बेचने की कोशिश होती है। इस माल पर ठप्पा जिस कंपनी का होगा, सैंपल फेल आने पर उस कंपनी को भुगतना होगा।

  • सी एन पांडे

निश्चित ही इसमें बदलाव की जरूरत है। क्योंकि वाले दिनों में यह बड़ी समस्या बन सकता है। इसके उपर कोशिश करेंगे आईडब्ल्यूएसटी व बी आई एस के साथ मिल कर इस समस्या का समाधान निकला जाए।

  • इन्द्रजीत सोहेल
  • मार्केट सैंपल का फोटो सहित विवरण सांझा किया जाए:

बिहानी जी और चावला जी ने सही बोला है। विक्रेता कई बार हमारे ब्रांड की स्टैंप लगा कर माल बेचते हैं। इसलिए सैंपल यदि विक्रेताओं से लिए जाएंगे तो नियमित तौर पर समस्या आएगी। यदि विक्रेता से सैंपल लिए जाते हैं तो निर्माता को फोटो सहित बताया जाना चाहिए कि कहां से लिए हैं।


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