MDF is fast gaining ground in the market – Amjad Naqvi
- अप्रैल 8, 2023
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The MDF market is soaring high at present. It will see a new peak in the future as well. But both the customer and the artisan have to be made aware regularly about it. Believes Amjad Naqvi President, Sales & marketing, Pioneer Panel Industries. In a conversation with Ply Insight Amjad Naqvi said that due to the uniformity in the outer surface (Visual appearance) as well as the assurance of quality, MDF is emerging as a better choice among customers.
Please describe your offers
We have wide range of MDF. Pioneer Panel is the one of the MDF manufacturer in India providing 2.1mm to 25mm MDF under one roof. Apart from interior and exterior grades, PDHMR (Perfect Density High Moisture Resistance) and Prelaminated MDF are excellent products of the company. All of these products are continuously increasing their holding in the market.
Any new plans
Right now we are planning to come up with a new product Shade Card for vanity. Because this range is not available in HDF. To trap this demand, we decided to manufacture pre-lam PDHMR for Vanity. As per the demand of the market, there are plans to provide a variety of designs matching with bathroom tiles in addition to marble etc. The company is very excited about this product.
How many designs
Only four to five colors are available in MDF Normally, but we have the facility that we can provide MDF in more than 200 types of designs. There are 53 regular shades which we can provide on small quantity orders. Hundreds of colors and designs of laminate are available at our sister concern Unique Decor. Due to this we are also able to offer a wide variety of shades in MDF. We are proud that we are the only Indian manufacturers to have this capability. In the range of 3.3 and above, all other categories of shades can be provided along with glossy, semi glossy and matt. This is our biggest achievement.
You are very close to Delhi
We are getting a lot of benefits from the proximity with Delhi. We can deliver fast in North India. The cost of transportation is affordable. We are able to provide better services being close to Delhi. Our Shade Card is what sets us apart from others in the market. We have a wide range of color options available. Our folder is the largest and exclusive in the industry.
What steps are you taking to increase the awareness of MDF?
People have to be made more aware about MDF. Workshops have to be done. The artisan community has to be constantly made aware. Work will have to be done at the individual level to convince the experts engaged in the decoration of the house. However, there is not much awareness about this in tier two – tier three cities. But the market is huge there, with a lot of potential.
What is being done for Tier 2 and Tier 3?
Tier two and tier three artisans are not user friendly on automatic machines. Nevertheless, particle board is becoming increasingly popular in rural and semi-urban areas. From this also we can understand that how fast MDF and particle board is making its roots in the market. However, machine workability in MDF is very important. Now good and cheap machines are available in the market. Local carpenters are also being given information about tools and machines from our side. Along with us, manufacturers of machines and equipment are also bringing awareness in this work. Experts are kept in most of the machine manufacturing companies. They are also trying to spread awareness. A plan is also being made to keep such equipment with the dealer as well, from where artisans can easily get information about the equipment.
What is the export prospect of furniture?
However, in these days, many such initiatives have been taken by the Government of India, due to which the prospectus of export of furniture to Australia and many other countries has increased a lot. But it is not being implemented properly. Perhaps the problem with this is that the cost of production is increasing in our country. The prices of raw wood are increasing rapidly. Wood is available at Rs.650. The price has almost doubled in the last one year.
Possibility of Import tax to be levied on MDF
There is a demand from some people that MDF should be imported for furniture. The voice of reducing import duty is also often heard. But if this happens then both our local furniture and MDF industry will be adversely affected. Apart from this, the government will also not prefer it, because we all are working on the concept of Make in India. The government would never want the import duty to be reduced. There has been a easyness in the ship freight for import. This can definitely make a difference and put pressure on us.
Is competition fierce among distributors of MDF?
It is true that distributors are not able to get extra margin in MDF. Any seller in plywood gets the product manufactured under his brand. That particular brand will not be found anywhere else, on the contrary, there is no such possibility in MDF. Because there are only a few selected brands. So the dealer is left with no option but to deliver the goods at the competitive price. That’s why sell of plywood is preferred instead of MDF at some places popularity. But now the information about MDF is increasing among the customers. That’s why the MDF industry does not have much problem.
एमडीएफ तेजी से बाजार में अपनी पकड़ बना रहा है
एमडीएफ का बाजार वर्तमान में तो काफी अच्छा है ही। भविष्य में भी इसके बढ़ने की प्रबल संभावना है। लेकिन इसके प्रति ग्राहक और कारीगर दोनो को नियमित तौर पर जागरूक करना होगा। यह मानना है अमजद नकवी, प्रेसिडेंट, सेल्स एण्ड मार्केटिंग, पायनियर पैनल इंडस्ट्रीज। प्लाई इनसाइट से बातचीत में अमजद नकवी ने कहा कि बाहरी सतह (Visual Appearance) की एकरूपता के साथ साथ गुणवत्ता के भरोसे के कारण ग्राहकों में एमडीएफ बेहतर विकल्प बनकर उभर रहा है।
अपने उत्पाद के बारे में बताएं
हमारे पास एमडीएफ की हर रेंज उपलब्ध है। पायोनियर पेनल भारत में एक ऐसा एमडीएफ उत्पादक है जो 2.1 mm से लेकर 25 mm तक का एमडीएफ एक ही छत से उपलब्ध करवा रहा है। इन्टीरियर और एक्सटेरियर ग्रेड के अलावा PDHMR (परफेक्ट डेन्सीटि हाई मोयस्चर रेसिसटेन्स) और Prelaminated (प्रीलेमीनेटेड़) एमडीएफ कंपनी के अच्छे उत्पाद हैं। यह सभी उत्पाद बाजार में लगातार अपनी पैठ बढ़ा रहें हैं।
कोई नई योजना
अभी हमारी योजना वेनीटी (Vanity) के लिए भी नया प्रोडक्ट शेड कार्ड लेकर आने की है। क्योंकि अभी इस की रेंज एचडीएफ में उपलब्ध नहीं है। इस मांग को ध्यान में रखते हुए हमने तय किया कि वेनीटी के लिए भी प्री लेम HDHMR तैयार किया जाए। बाजार की मांग को ध्यान में रखते हुए इसमें बाथरूम की टाईलों के अनुरूप मार्बल आदि के अलावा भी कई तरह के डिजाइन उपलब्ध कराने की योजना है। कंपनी इस उत्पाद को लेकर काफी उत्साहित है।
कितने डिजाइन है
एमडीएफ में सामान्यतः चार पांच कलर ही उपलब्ध होते हैं, लेकिन हमारे पास सुविधा है कि हम 200 से अधिक तरह के डिजाइन में एमडीएफ उपलब्ध करा सकते है। ऐसे 53 रेगुलर शेड है, जिसमें हम छोटे आर्डर पर भी माल उपलब्ध करा सकते हैं। हमारी सहयोगी कंपनी यूनीक डेकोर में लेमीनेट के सैकड़ों कलर और डिजाइन उपलब्ध हैं। इस की वजह से हम भी एमडीएफ में उतनी तरह के शेड्स देने में सक्षम है। हमें इस का गर्व है कि भारतीय उत्पादकों में यह क्षमता सिर्फ हमारे पास है। 3.3 और इससे ऊपर की रेंज में ग्लोसी, सेमी ग्लोसी, मेट के अलावा अन्य सभी श्रेणी के शेड उपलब्ध करा सकते हैं। यह हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है।
आप दिल्ली के काफी नजदीक हैं
हम क्योंकि दिल्ली के नजदीक है, इसका भी हमें काफी लाभ मिल रहा है। हम उत्तरी भारत में तेजी से सप्लाई दे सकते हैं। परिवहन का खर्च कम आता है। दिल्ली के नजदीक होने के कारण हम बेहतर सेवाएं देने में सक्षम है। हमारा शेड कार्ड, हमें बाजार में दूसरों से काफी अलग करता है। हमारे पास रंगों के बहुत ज्यादा विकल्प मौजूद है। हमारा फोल्डर उद्योग में सबसे बड़ा और विशिष्ट है।
एमडीएफ की जागरूकता बढ़ाने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं?
एमडीएफ के बारे में लोगों को जागरूक करना होगा। वर्कशाप करने होंगे। कारपेंटर को लगातार इस बारे में जागरूक करना होगा। घर की साज सज्जा में लगे विशेषज्ञों को समझाने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर काम करना होगा। हालांकि टियर टू-टियर थ्री सिटी में इस बारे में ज्यादा जागरूकता अभी तक बहुत कम है। लेकिन वहां का बाजार काफी बड़ा है। जिसमें काफी संभावना है।
टियर टू और टियर थ्री के लिए क्या किया जा रहा है?
टियर टू व टियर थ्री के कारीगर अभी ऑटोमैटिक मशीनों पर पूरी तरह से नहीं आए है। फिर भी पार्टिकल बोर्ड ग्रामीण इलाके, और अर्ध शहरी क्षेत्रों में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। इससे भी हम समझ सकते हैं कि एमडीएफ और पार्टिकल बोर्ड कितनी तेजी से बाजार में अपनी जगह बना रहा है। हालांकि एमडीएफ में मशीन से काम होना बहुत जरूरी है। अब अच्छी और सस्ती मशीनें बाजार में सुलभ हैं। स्थानीय कारपेंटर को स्वचालित टूलऔर मशीनों की जानकारी हमारी और से भी दी जा रही है। हमारे साथ साथ इस काम में मशीन और उपकरणों के निर्माता भी जागरूकता ला रहे हैं। मशीन बनाने वाली ज्यादातर कंपनियों में विशेषज्ञों को रखा जाता है। वह भी जागरूकता फैलाने की दिशा में काम कर रहे हैं। एक योजना यह भी बन रही है कि वितरकों के पास भी ऐसे उपकरण रखे जाए, जहां से कारीगर आसानी से उपकरणों के बारे में जानकारी ले सकते हैं।
फर्नीचर के निर्यात की संभावना क्या है?
हालांकि इन दिनों में भारत सरकार की ओर से ऐसे कई प्रोत्साहन दिये गए है जिससे ऑस्ट्रेलिया और अन्य कई देशों में फर्निचर के निर्यात की संभावना काफी बढ़ गई है। लेकिन इसे सही से मूर्त रूप प्रदान नहीं किया जा पा रहा है। इसमें शायद दिक्कत यह है कि हमारे यहां उत्पादन लागत बढ़ती जा रही है। कच्ची लकड़ी के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। सवा छह सौ रुपए लकड़ी मिल रही है। पिछले एक वर्ष में कीमत लगभग दुगुनी ही हो गयी हैं।
एमडीएफ पर आयात कर लगने की संभावना
फर्नीचर के लिए एमडीएफ को आयात कर लिया जाए, कुछ लोगों की इस तरह की मांग है। इस पर आयात ड्यूटी कम करने की आवाज भी अक्सर सुनने को मिलती है। लेकिन यदि ऐसा होता है तो हमारे स्थानीय फर्नीचर और एमडीएफ दोनों ही इंडस्ट्री पर विपरीत असर पड़ेगा। इसके अलावा सरकार भी ऐसा नहीं चाहेगी, क्योंकि हम सभी मेक इन इंडिया की अवधारणा पर काम कर रहे हैं। सरकार कभी भी नहीं चाहेगी कि आयात ड्यूटी कम हो जाए। आयातित माल लाने में किराए में कमी आयी है। इससे अवश्य फर्क पड़ सकता है। और हमारे ऊपर दबाव बढ़ सकता है।
एमडीएफ के वितरकों में प्रतिस्पर्धा काफी अधिक देखी जा रही है?
यह सही है, कि वितरक एमडीएफ में अतिरिक्त मार्जिन नहीं ले पाते हैं। प्लाइवुड में कोई भी विक्रेता अपने नाम से उत्पाद तैयार करवा लेता है। तो उस नाम की प्लाई बाजार में और कही तो मिलेगी नहीं, इसके विपरीत एमडीएफ में इस तरह की संभावना नही है। क्योंकि गिने चुने ब्रांड है। इसलिए डीलर के पास प्रतिस्पर्द्धि कीमत पर माल देने के अलावा कोई रास्ता बचता ही नहीं है। इसलिए कहीं कहीं एमडीएफ की बजाय प्लाईवुड को बेचने की कोशिश अधिक रहती है। लेकिन अब ग्राहकों में एमडीएफ की जानकारी लगातार बढ़ रही है। इसलिए एमडीएफ इंडस्ट्री को ज्यादा दिक्कत नहीं है।