‘एक पेड़ मां के नाम‘ अभियान के तहत राजस्थान में सात करोड़ से अधिक पौधे रोपित किए गए। अभियान की सफलता से उत्साहित राजस्थान सरकार ने अब ‘मिशन हरियालो राजस्थान‘ के तहत दस करोड़ पौधे लगाने का निर्णय लिया है।

राजस्थान सरकार के बजट में इस बार हरियाली और एग्रोफॉरेस्ट्री बढ़ाने पर पूरा ध्यान दिया है। इसके लिए वित्त मंत्री ने बाकायदा बजट में अलग से प्रावधान किया है।

राजस्थान बजट में जो प्रावधान किए गए हैं, इससे सीधे व परोक्ष रूप में लकड़ी उद्योग को बहुत लाभ होने वाला है।

वुड टैक्नोलाजिस्ट एसोसिएशन के सुभाष जोली और आर के सपरा, भाई आईएफएस के अनुसार यह नीति इसलिए आवश्यक है, क्योंकि इससे एक साथ कई फायदे है।

  1. ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के लिए हरियाली बढ़ानी होगी।
  2. लकड़ी उद्योग को नियमित मात्रा में कच्चा माल मिलेगा।

इस तरह से राजस्थान सरकार की यह पहल एक साथ सभी पहलुओ का समाधान कर रही है।

सुभाष जोली ने कहा कि जो पहल राजस्थान सरकार ने की है, इस तरह की पहल देश के अन्य राज्यों में भी होनी चाहिए।

इस साल लकड़ी उद्योग में क्यूसीओ लागू हुआ है। जिससे लकड़ी उत्पाद के आयात में कमी आएगी। जाहिर है, अब बाजार की जरूरत को पूरा करने के लिए देश के लकड़ी उद्योग को ही पर्याप्त मात्रा में उत्पाद तैयार करने होंगे। इसके लिए कच्चे माल की आवश्यकता होगी। राजस्थान ने बजट में इस तरह की स्थिति से निपटने की दिशा में पहल की है।

अब राजस्थान में जो नीति बन रही है, वह लकड़ी उद्योग में आ रही चुनौतियों से निपटने में एक सार्थक पहल साबित हो सकती है। इस नीति को देश के अन्य भागों में भी लागू किया जा सकता है।