Must find ‘Swadeshi’ Alternatives for Products
- जनवरी 13, 2021
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Must find ‘Swadeshi’ Alternatives for Products Being Imported into the Country: Nitin Gadkari
India will need to find “Swadeshi” alternatives for products being imported in the country, and that is the main aim of atma-nirbhar bharat, Union minister for road transport and highways Nitin Gadkari said recently.
Gadkari said that there are several sectors for which manufacturing parts are being imported into the country, and the industry must work towards local manufacturing of these components.
India this year launched the atma-nirbhar bharat abhiyan, centred on promoting domestic companies, and reducing dependence on imports, in a bid to be self-reliant.
“Whatever we are importing, we should have to find a Swadeshi alternative in the country without compromising on the quality and the cost. That is exactly the main mission of atma nirbhar bharat,” Gadkari said addressing the FICCI AGM.
“There are a lot of things imported from China. I am seeing a lot of potential for electric cars, electric bikes, electric auto rickshaw, even electric buses,” he added.
He said there were several other sectors where a similar requirement was possible. “Then you have to motivate the people in the direction that we need to reduce our import, and exactly by this way we can make our economy strong,” said Gadkari, who is also the minister for micro, small and medium enterprises (MSMEs).
He said that the contribution of the manufacturing sector in the country’s GDP should go up from 22% at present to around 30%. Gadkari also said that the industry must focus on creating employment potential in the rural, backward and tribal areas.
“We need to make two plans, one for urban India, one for rural India. Without developing rural India, we cannot expect the good record we are expecting for our atma nirbhar bharat target,” Gadkari said.
देश में आयात किए जा रहे उत्पादो के लिए
स्वदेशीविकल्प तलाशना चाहिए: नितिन गडकरी
भारत को देश में आयात होने वाले उत्पादों के लिए ‘‘स्वदेशी’’ विकल्प खोजने की आवश्यकता होगी, हाल ही में सड़क परिवहन और राजमार्गों के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि आत्म-निर्भर भारत का यही मुख्य उद्देश्य है।
गडकरी ने कहा कि कई क्षेत्र हैं जिनके लिए देश में विनिर्माण के लिए विदेशों से पार्ट का आयात किया जा रहा है, लेकिन उद्योग को इन घटकों के स्थानीय विनिर्माण की दिशा में काम करना चाहिए।
भारत ने इस साल आत्मनिर्भर होने की प्रकिया में, घरेलू कंपनियों को बढ़ावा देने और आयात पर निर्भरता को कम करने पर केंद्रित, आत्म-निर्भर भारत अभियान शुरू किया।
हम भी कुछ भी आयात कर रहे हैं, हमें गुणवत्ता और लागत से समझौता किए बिना देश में एक स्वदेशी विकल्प तलाशना चाहिए। यह वास्तव में ‘‘आत्म-निर्भर’’ भारत का मुख्य मिशन है, गड़करी ने फिक्की एजीएम को संबोधित करते हुए कहा।
उन्होंने कहा,‘चीन से बहुत सारी चीजें आयात की जाती हैं। मैं इलेक्ट्रिक कारों, इलेक्ट्रिक बाइक, इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा, यहां तक कि इलेक्ट्रिक बसों के लिए बहुत संभावनाएं देख रहा हूं।
उन्होंने कहा कि ऐसे कई अन्य सेक्टर हैं जहां इस तरह की व्यवस्था संभव है। गडकरी ने कहा कि अब आपको लोगों को इस दिशा में प्रेरित होना होगा कि हमें अपने आयात को कम करने की जरूरत है, और इस तरह से हम अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत बना सकते हैं।
उन्होंने कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण क्षेत्र का योगदान वर्तमान समय में 22 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 30 प्रतिशत होना चाहिए। गडकरी ने यह भी कहा कि उद्योग को ग्रामीण, पिछड़े और आदिवासी क्षेत्रों में रोजगार की संभावनाएं बनाने पर ध्यान देना चाहिए।
हमें दो योजनाएं बनाने की जरूरत है, एक शहरी भारत के लिए, एक ग्रामीण भारत के लिए। ग्रामीण भारत के विकास के बिना, हम उस अच्छे रिकाॅर्ड की उम्मीद नहीं कर सकते हैं, जो हम अपने आत्म-निर्भर भारत लक्ष्य के लिए उम्मीद कर रहे हैं।’’