NCCF को PEFC द्वारा ToF योजना का 100 प्रतिशत अनुमोदन प्राप्त
- अक्टूबर 9, 2023
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भारत में वनों के बाहर के पेड़ों (Tree Outside Forest) के चिरस्थायी (Sustainable) प्रबंधन को प्रोत्साहित करने की महत्वपूर्ण प्रतिबद्धता के तहत, भारत के ‘वनों के प्रमाणन और संरक्षण नेटवर्क‘ (NCCF), भारत का एक राष्ट्रीय प्रबंधन निकाय, ने ‘प्रोग्राम फॉर एंडर्समेंट ऑफ फॉरेस्ट सर्टिफिकेशन‘ (PEFC) द्वारा पेड़ों के बाहर के वन सर्टिफिकेशन प्रणाली (ToF STD) का पूर्ण अनुमोदन प्राप्त किया है।
इस प्रमाणन योजना के तहत वनों के बाहर के पेड़ों (ToF) से उत्पन्न होने वाली लकड़ी का स्वदेशी प्रमाणन संभव होगा।
जो कि लकड़ी के उत्पादों के निर्यात के लिए प्रायः अनिवार्य शर्त है। वर्त्तमान में भारत में, लकड़ी आधारित उद्योग 75 प्रतिशत ToF से, 5 प्रतिशत वनों से, 23 प्रतिशत आयात आदि से लकड़ी प्राप्त करते हैं। NCCF, उद्योग के अन्य महत्वपूर्ण हितधारकों के साथ 2016 से एक स्वदेशी प्रमाणन योजना के विकास की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहा था।
ToF STD का विकास एक अति सूक्ष्म प्रक्रिया है, जिसे एक मैत्री विकास समूह (SDG) द्वारा अति सावधानी से किया गया, जिसने एक सख्त, स्पश्ट, पारदर्शी, और परामर्शात्मक दृष्टिकोण अपनाया। PEFC जो एक वैश्विक मित्र संघ के 55 सदस्य देशों का गठबंधन है, से ToF मानक में सफलतापूर्वक अंतरराष्ट्रीय समर्थन प्राप्त करना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। PEFC द्वारा अनुमोदन, NCCF और भारतीय वनस्पति क्षेत्र की वाणिज्यिकता और प्राकृतिक संसाधन, वनों, और ToF के उचित प्रबंधन के प्रति समर्पण का प्रमाण है।
इस उपलब्धि का भारत के लकड़ी क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण महत्व है खासतौर पर निर्यात को। अवैध लकड़ी के उपयोग को रोकने के लिए सस्टेनेबल फोरस्ट से प्राप्त लकड़ी का उपयोग निर्यात के लिए लकड़ी के उत्पादों में करना अनिवार्य है। चूंकि भारत में ऐसी प्रमाणन वाली संस्था नहीं थी। अंतः निर्यातकों को उपयुक्त प्रमाण पत्र वाली महंगी लकड़ी आयात करनी पड़ती थी।
PEFC द्वारा अनुमोदित NCCF की ToF प्रमाणन योजना के लाभः
1. मान्यताः इस प्रमाणन से भारत के ToF (वनों के बाहर के पेड़ों) के प्रबंधन और संबंधित प्रथाओं में की गई कोशिशों को वैश्विक मान्यता मिली है।
2. छोटे किसानों और पेड़ उगाने वालों को समर्थनः यह विश्वसनीय कृषि वाणिकी प्रथाओं के माध्यम से छोटे किसानों और पेड़ उगाने वालों की आय को बढाकर, उनके जीवन को सुदृढ़ करेगा।
3. बेहतर बाजार पहुँचः इस प्रमाणन से भारतीय कृषि वाणिकी के उत्पादों के लिए बेहतर बाजार मंच और अवसर खुलेंगे, लकड़ी के हितधारकों को अधिक आय मिलेगी।
4. उद्योगों के लिए प्राकृतिक चिरस्थायी स्रोत का आश्वासनः यह विभिन्न क्षेत्रों में जैसे कि प्लाइउड और अन्य काश्ठ आधारित उद्योग, पल्प और कागज उद्योग, फर्नीचर और हस्तशिल्प क्षेत्र के लिए लकड़ी के चिरस्थायी स्रोत को उन्नत करने का एक विश्वसनीय तरीका प्रदान करेगा, क्योंकि लकड़ी इन उद्योगों में बड़ी संख्या में वन क्षेत्रों के बाहर से ही आती है।
यह प्रमाणन सुनिश्चित करता हैं कि उपयोग किए जाने वाले पेड़ विशेष पर्यावरणीय और सामाजिक मानकों को पूरा करते हैं, और अरक्षणिय प्रथाओं (unsustainable practices) के जोखिम को कम करते हैं।
इन क्षेत्रों के उद्योग विश्वसनीय स्रोत से प्राप्त लकड़ी के प्रति निश्टा दिखाते हुए ज्वथ् प्रमाणन के माध्यम से अपनी प्रतिष्ठा को बढ़ा सकते हैं। यह मार्केटिंग का एक मूल्यवान साधन बन सकता है।
5. किफायतीः उद्यमियों के लिए प्रमाणन प्रक्रिया की लागत के संबंध में एक स्वस्थ बाजार स्थापित हो जाएगा।
NCCF और प्रमाणित ToF प्रमाणन योजना के बारे में, और जानकारी के लिए कृपया www.nccf.in पर जाएं।