पुरानी योजनाओं के परिणामों के पुर्ननिरिक्षण के बाद ही नई पी एल आई
- नवम्बर 29, 2023
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सरकार फिलहाल दूसरे क्षेत्रों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना शुरू करने के पक्ष में नहीं है। नई योजनाएं तभी आएंगी, जब सरकार को यकीन हो जाएगा कि पुरानी योजनाओं के वांछित परिणाम मिले हैं।
सरकार में उच्च पदस्थ अधिकारियों को PLI योजना पर मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली हैं। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अधिकारियों को भी इस योजना के चौंकाने वाले बड़े परिणाम नहीं दिखाई दे रहे हैं।
सरकार में बैठे शीर्ष अधिकारियों के हिसाब से ये योजनाएं उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर रही हैं, इसलिए आगे कुछ करना सही नहीं होगा। इस समय लगभग 14 PLI योजनाएं चल रही हैं, जिनमें कुछ ही अपेक्षाओं के अनुरूप प्रदर्शन कर पा रही हैं।
सरकार ने PLI योजना की घोषणा तीन वर्ष पहले की थी। देश में विनिर्माण को बढ़ावा देने और निवेश आकर्षित करने के लिए इन योजनाओं के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये तय किए गए थे। 14 PLI योजनाओं में केवल मोबाइल फोन, दवा, बल्क ड्रग, स्वास्थ्य उपकरण एवं खाद्य उत्पाद में ही ठोस प्रगति दिखी है। PLI योजना के मद में सबसे ज्यादा सब्सिडी भी इन्हीं खंडों को मिली है।
मगर सोलर पीवी, इस्पात, कपड़ा, वाहन आदि क्षेत्रों में इस योजना के असरदार नतीजे नहीं दिखे हैं और प्रदर्शन कमतर रहा है। सरकार फिलहाल यह समझने की कोशिश कर रही है कि इनमें से किसी योजना में सुधार की जरूरत तो नहीं है।
कई सरकारी विभागों ने नई च्स्प् योजनाओं के प्रस्ताव दिए हैं मगर उन्हें अब तक केंद्रीय मंत्रिमंडल से अनुमति नहीं मिली है। उदाहरण के लिए उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने पिछले वित्त वर्ष के अंत में खिलौने एवं साइकल के पुर्जों के लिए 7,000 करोड़ रुपये की दो योजनाओं को अंतिम रूप दे दिया था। इनके लिए कैबिनेट प्रस्ताव भी जारी हुआ मगर उस पर अब तक मुहर नहीं लग पाई है।
शिपिंग कंटेनर, रसायन एवं पेट्रो-रसायन, चमड़ा एवं कुछ अन्य उत्पादों के लिए नई PLI योजना शुरू करने की दरख्वास्त की गई है।
बहरहाल नई योजनाएं शुरू होने पर भी नई रकम की जरूर नहीं पड़ेगी। PLI के पहले चरण में ही करीब 11,848 करोड़ रुपये बचने का अनुमान है, जिनका इस्तेमाल किया जा सकता है।