No question of recession or stagflation in India

India is nowhere near a recession or stagflation and the government is making all efforts to bring down retail inflation below 7 per cent, Finance Minister Nirmala Sitharaman said.

“There is no question of India getting into recession or stagflation even though the US may have entered into an unofficial recession. Even as international agencies like the World Bank and the International Monetary Fund (IMF) have downgraded growth rates of economies, each time India has remained as the fastest growing economy,” Sitharaman said in reply of a debate on  inflation, in Parliament.  

“A Bloomberg survey also recently said there is zero probability of India slipping into a recession. Our people have gone through the pandemic strongly, global value chains has hit us, but in spite of that, because of the various steps taken by the government and also by the Reserve Bank of India, we remain much better than most countries,” she added.

Sitharaman said while 4,000 Chinese banks are reportedly on the verge of bankruptcy, gross non-performing assets of Indian commercial banks have declined to a six-year low of 5.9 per cent for FY22.

Holding that India’s economy is showing very positive signs and the economy’s fundamentals remain strong, Sitharaman said GST collection in July was the second-highest ever at रु1.49 trillion, remaining above रु1.49 trillion for the fifth consecutive month.

Sitharaman also referred to the recent statement of former RBI governor Raghuram Rajan. Rajan has said that the Reserve Bank has done a good job in increasing foreign exchange reserves and its situation will not be like that of neighboring countries like Sri Lanka. He has also said that according to Rajan there is inflation all over the world, in such a situation the Reserve Bank is increasing the repo rate, which will help in bringing down inflation.

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देश में मंदी की आशंका नहीं


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत कहीं भी मंदी या मुद्रास्फीति जनित मंदी के करीब नहीं है और सरकार खुदरा मुद्रास्फीति को 7 प्रतिशत से नीचे लाने के लिए सभी प्रयास कर रही है।

वित्त मंत्री निर्मला  सीतारमण  ने देश के मंदी के दौर में जाने की आशंका को खारिज करते हुए कहा कि कोविड महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध और आपूर्ति श्रृंखला में अवरोधों के बावजूद भारत आज सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। लोकसभा में महंगाई पर चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि मुश्किल दौर में पूरा देश साथ खड़ा हुआ और यही कारण है कि आज हम बाकी दुनिया के मुकाबले अपेक्षाकृत मजबूत स्थिति में हैं।

सीतारमण ने कहा कि सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक के अनेक कदमों के कारण देश की हालत कई अन्य देशों से अच्छी हैं।

सीतारमण ने कहा कि खबरों के अनुसार चीन में 4 ,000 से अधिक बैंक दिवालिया होने के कगार पर हैं जबकि भारत में व्यावसायिक बैंको की गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) में सुधार हुआ है और यह छह साल के सबसे कम स्तर 5.9 प्रतिशत पर है।

सीतारमण ने कहा की वैश्विक स्तर पर महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध, आपूर्ति श्रृंखला में गतिरोध तथा चीन में जगह-जगह लगातार लॉकडाउन के बावजूद भारत की स्थिति दुनिया के कई देशों से बेहतर है।

सीतारमण ने कहा कि जुलाई में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का संग्रह 28 प्रतिशत बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रूपये हो गया जो अब तक दूसरा सबसे ऊंचा मासिक आंकड़ा है।

सीतारमण ने रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के हालिया बयान का भी जिक्र किया. राजन ने कहा है कि रिजर्व बैंक ने विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने में अच्छा काम किया है और उसकी स्थिति श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों जैसी नहीं होगी। उन्होंने यह भी कहा है कि राजन के अनुसार पूरी दुनिया में महंगाई है, ऐसे में रिजर्व बैंक नितिगत दर बढ़ा रहा है, जिससे मुद्रास्फीति को नीचे लाने में मदद मिलेगी.


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