Now Inflation Wave
- जनवरी 24, 2022
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At present, not only India, but the whole world is more or less in the grip of inflation. Due to Corona, employment has been lost or income has come down, along with the common people, this inflation is also facing the global economy as a big challenge. Wholesale inflation in India rose to 14.23 per cent in the month of November, the highest since April 2005 Exactly a year ago i.e. in November 2020, the wholesale inflation rate in the country was just 2.29 percent.
After the removal of the lockdown in view of Corona, there is a huge increase in demand, which we also call pent-up demand (increased demand), on the other hand, even after the lockdown is lifted, there are some restrictions. . Due to this the supply has not been fully restored. This is the biggest reason for inflation these days. Apart from this, sufficient cash easy money is being made available in the system to bring the economy back on track globally. Due to this also the prices are increasing rapidly.
Inflation is increasing due to these reasons
1. There is a huge shortage of workers
Due to labor shortage, palm oil production is being affected in Malaysia, due to the sharp rise in the prices of palm oil, the prices of FMCG products like soaps, oils, shampoos, biscuits, cosmetics, snacks, etc. where palm oil is used.
2. Many products are effected by increasingly expensive crude oil.
Transport/logistics/delivery expenses have increased substantially due to the jump in crude oil. The prices of some products have also increased because petroleum products are directly used in their manufacture, such as chemical fertilizers, paints, rubber, synthetic threads etc.
3. Increase in the cost of sea transportation
Most of the global trade is carried out by sea routes. In the past, the cost of freight transportation by sea routes has increased tremendously. China has also played a major role here, as it has withdrawn 50 percent of shipping vessels to increase rates.
4. Industrial metals also gained momentum
The prices of aluminium, copper, zinc, steel, nickel cobalt etc. have also increased significantly. This is having a direct impact on the prices of consumer durable products like TVs, AC fridges, washing machines etc. Production of these metals has been affected due to reduction in electricity generation and workers in China.
5. Impact of Climate Change on Agriculture
The reason for the rise in the prices of agri commodities is also due to climate change i.e. unfavorable weather in many major producing countries of the world. This has resulted in a reduction in production globally.
6. Consumption will decrease
Developing countries are being affected the most by inflation. If inflation rises further, the purchasing power of the people will be adversely affected. As a result general consumption will decrease.
अब महंगाई की लहर
इस समय केवल भारत ही नही, बल्कि पूरा विश्व कमोबेश महंगाई की चपेट में है। कोरोना की वजह से या तो रोजगार छिन गए हैं या आय में कमी आई है, आम लोगों के साथ-साथ यह महंगाई वैश्विक अर्थव्यवस्था को सामने भी बड़ी चुनौती के रूप में सामने है। भारत में थोक महंगाई दर नवंबर के महीने में बढ़कर 14.23 फीसदी तक पहुंच गई जो अप्रैल 2005 के बाद सबसे ज्यादा है। ठीक एक वर्ष पहले यानी नवंबर 2020 में देश में थोक महंगाई दर महज 2.29 फीसदी थी।
कोरोना के मद्देनजर लगे लॉकडाउन के हटने के बाद एक तरह से मांग में भारी बढ़ोतरी देखी जा रही है, जिसे हम पेंट-अप डिमांड (बढ़ी हुई मांग) भी कहते हैं, वहीं दूसरी तरफ लॉकडाउन हटने के बाद भी कुछ हद तक प्रतिबंध लगे हुए हैं। इससे आपूर्ति पूरी तरह से बहाल नहीं हो पाई है। इन दिनों महंगाई की सबसे बड़ी वजह यही है। इसके अलावा वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सिस्टम में पर्याप्त नकदीईजी मनी उपलब्ध कराई जा रही है। उसकी वजह से भी कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।
इन वजहों से बढ़ रही है महंगाई
1. बनी हुई है कामगारों की भारी किल्लत
कामगारों की किल्लत की वजह से मलेशिया में पाम ऑयल का उत्पादन प्रभावित हो रहा है। पाम ऑयल की कीमतों में तेजी से एफएमसीजी के उत्पादों मसलन साबुन, तेल, शैंपू, बिस्कुट, कॉस्मेटिक्स, नमकीन आदि के दामों में बढ़ोतरी हुई है, क्योंकि इन उत्पादों के निर्माण में पाम ऑयल का इस्तेमाल होता है।
2. कूड ऑयल में तेजी से कई उत्पाद महंगे
कूड ऑयल में तेजी की वजह से ट्रांसपोर्ट/लॉजिस्टिक/ डिलीवरी खर्च में काफी ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। कुछ उत्पादों की कीमतों तो इसलिए भी बढ़ी हैं क्योंकि इनके निर्माण में पेट्रोलियम पदार्थों का सीधा इस्तेमाल होता है, मसलन रासायनिक खाद, पेंट, रबर, सिंथेटिक धागे आदि।
3. समुद्री परिवहन की लागत में बढ़ोतरी
अधिकतर वैश्विक व्यापार, समुद्री रास्तों से होता है। बीते दिनों समुद्री रास्तों से होने वाली माल ढुलाई की लागत में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। यहां चीन की भी प्रमुख भूमिका रही है, क्योंकि दरों को बढ़ाने के लिए उसने 50 फीसदी शिपिंग जहाजों को वापस ले लिया है
4. औद्योगिकी धातुओं में भी आई तेजी
एल्युमीनियम, कॉपर, जिंक, स्टील, निकल कोबाल्ट आदि की कीमतों में भी काफी तेजी आई है। इसका सीधा असर कंज्यूमर ड्यूरेबल्स प्रोडक्टस जैसे टीवी, एसी फ्रिज, वाशिंग मशीन आदि की कीमतों पर हो रहा है। चीन में बिजली उत्पादन और कामगारों में कमी की वजह से इन धातुओं का उत्पादन प्रभावित हुआ है।
5. जलवायु परिवर्तन का कृषि पर असर
एग्री कमोडिटीज की कीमतों में तेजी की वजह विश्व के कई प्रमुख उत्पादक देशों में जलवायु परिवर्तन यानी मौसम का प्रतिकूल होना भी है। जिससे वैश्विक स्तर पर उत्पादन में कमी आई है।
6. उपभोग घटेगा
महंगाई का सबसे ज्यादा असर विकासशील देशों पर हो रहा है। महंगाई अगर और बढ़ती है तो लोगों की क्रय शक्ति पर बुरा असर होगा। परिणामस्वरूप निजी उपभोग में कमी आएगी