Package for export of plywood from Haryana
- मई 17, 2022
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On 16th May, Chief Minister Manohar Lal addressed the plywood manufacturers at the Haryana Plywood Conclave organized at Swarna Jayanti Hall of Yamunanagar and made several announcements:
- Equivalent to two percent mandi fee will be returned to the industrialist who exports the goods of his factory.
- For the new plywood industry to be set up in Haryana, the government will give Rs 48,000, per year per employee, to the industrialist for seven years on providing employment to the people of the state.
- Subsidy up to 150 percent of the total GST will be given for 10 years for setting up a new plywood industry.
- One percent subsidy will be given for exports from the industry, subject to a maximum amount of Rs.10 lakh.
- Forest Research institute will be set up at Yamunanagar at a cost of Rs 50 crore.
- Bamboo pulp can be brought from Assam, which will be helpful in the requirement of raw material in the panel industry.
- Common Facility Center and Quality Testing Center will be established in Yamunanagar.
Chief Minister Manohar Lal said, that, his aim is to save foreign exchange by promoting exports. For this the plywood industry of Haryana will have to be recognized in the world as it is in India. He appreciated that Yamunanagar is the largest plywood cluster of North India.
Last year Haryana produced plywood worth Rs 8,000 crore, but out of that only Rs 95 crore was exported, which is very tiny. The Indian plywood sector is expected to grow at 5.5 per cent by 2026, he added.
If the states work together with each other, Ek Bharat Shreshtha Bharat, will be reality, he added in the presence of Assam Industries Minister Chandra Mohan Patowary, who was also especially present in the program.
हरियाणा से प्लाइवुड निर्यात के लिए प्रोत्साहन
16 मई को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यमुनानगर के स्वर्ण जयंती हॉल में आयोजित हरियाणा प्लाइवुड कॉन्क्लेव में प्लाइवुड उद्योगपतियों को संबोधित किया और कई घोषणाएं की। जिसमें प्रमुख हैं :
- अपने कारखाने से माल निर्यात करने वाले उद्योगपति को, समानुपात दो प्रतिशत मंडी शुल्क वापस किया जाएगा।
- हरियाणा में लगने वाले नये प्लाईवुड उद्योग में ,राज्य के लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने पर, सरकार उद्योगपति को सात साल तक प्रति कर्मचारी 48,000 रुपये प्रति वर्ष देगी।
- प्लाइवुड का नया उद्योग लगाने पर 10 साल तक कुल जी एस टी का 150 फीसदी तक सब्सिडी दी जाएगी।
- उद्योग में निर्यात के लिए एक प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी, जो अधिकतम 10 लाख रुपये की राशि के अधीन होगी।
- यमुनानगर में 50 करोड़ रुपये की लागत से वन अनुसंधान केंद्र स्थापित किया जाएगा।
- असम से बांस की लुगदी बनाकर लाया जा सकता है,जो पेनल उद्योग में कच्चे माल की आपूर्ति में सहायक होगा।
- यमुनानगर में कामन फेसीलीटी सेन्टर और क्वालिटी टेस्टींग सेंटर की स्थापना की जाएगी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि उनका उद्देश्य निर्यात को बढ़ावा देकर विदेशी मुद्रा बचाना है। इसके लिए हरियाणा के प्लाईवुड उद्योग को दुनिया में पहचान बनानी होगी। जैसी उन्होने देश में बना रखी हैं। उन्होंने प्रसंशा की कि यमुनानगर उत्तर भारत का सबसे बड़ा प्लाईवुड सेक्टर है।
पिछले साल हरियाणा ने 8,000 करोड़ रुपये के प्लाईवुड का उत्पादन किया था, लेकिन उसमें से सिर्फ 95 करोड़ रुपये का निर्यात किया गया था, जो बहुत कम है। भारतीय प्लाइवुड सेक्टर के 2026 तक 5.5 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है।
कार्यक्रम में असम के उद्योग मंत्री चंद्र मोहन पटवारी भी विशेष रूप से मौजूद थे, जिनकी मोजूदगी में, उन्होनें आहवान किया कि सभी राज्य एक दूसरे के साथ मिलकर काम करेंगे तो एक भारत श्रेष्ठ भारत बनेगा।