QCOs raise compliance burden and costs

हाल के हफ्तों में सरकार ने विभिन्न उत्पादों के लिए कई गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCOs) जारी किए हैं, जिसमें एमडीएफ, पार्टीकल बोर्ड, ब्लाक बोर्ड, दरवाजे और सभी प्रकार के प्लाईउड शामिल हैं। प्राथमिक तौर पर इसका उद्देश्य आयात को रोकना और इसके माध्यम से घरेलू निर्माताओं की सुरक्षा करना लगता है।

ब्यूरो आफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) जैसा कि हम जानते हैं, उत्पादों, वस्तुओं, प्रक्रिया, प्रणाली, और सेवाओं के मानकीकरण, सौजन्य मूल्यांकन, और गुणवत्ता सुनिश्चित करता है। BIS द्वारा स्थापित मानक उत्पाद प्रमाणन योजनाएँ, उपभोक्ताओं को उत्पाद की गुणवत्ता, सुरक्षा और विश्वसनीयता का आश्वासन प्रदान करती हैं। बोर्ड का उद्देश्य मानव, पशु, या पौधों के स्वास्थ्य और पर्यावरण की सुरक्षा करना है और अनुचित व्यापार पर नियंत्रण करना है।

गुनिआ (गुणवत्ता नियंत्रण आदेश) में उत्पाद को संबंधित मानक के साथ मेल होना और मोहर लगाना आवश्यक है जिसके लिए BIS से लाइसेंस या अनुरूपता का प्रमाण (CoC) हासिल करना होता है। गुनिआ (गुणवत्ता नियंत्रण आदेश) को बीआईएस अधिनियम, 2016 के तहत, केंद्र सरकार के मंत्रालयों द्वारा, बीआईएस और संबंधित उत्पादों के निर्माताओं के साथ सुनिश्चित परामर्श के बाद सूचित किया जाता है। अब तक, करीब 575 वस्तुओं पर गुनिआ (गुणवत्ता नियंत्रण आदेश) लागु हैं।

आयात नीति के सामान्य नोट्स के नोट नंबर 2A के अनुसार भारत में निर्यात के लिए विदेशी निर्माताओं/निर्यातकों को उत्पादों के लिए गुनिआ (गुणवत्ता नियंत्रण आदेश) का पालन करना होता है, और उन्हें BIS से लाइसेंस प्राप्त करना होगा। हालांकि, डीजीएफटी नीति सर्कुलर नंबर 40/(RE-2000)/1997-2002 दिनांक 22.02.2001 कहता है कि निर्यात जनित इकाईयों, विशेष आर्थिक क्षेत्रों में इकाइयों और भौतिक निर्यात के लिए अग्रिम अनुमति के तहत आयात को, इस शर्त का पालन नहीं करना होता है। निर्यात के लिए आयात की गई वस्तुओं में कुछ जैसे खिलौने, फ़ुटवियर के घटक आदि को गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के उस शर्त से मुक्त करते हैं।

BIS ने विदेशी पक्षों को लाइसेंस प्रदान करने के लिए विस्तृत प्रक्रिया निर्धारित की है, जिसमें BISअधिकारियों के द्वारा विदेशी निर्माताओं की सुविधाओं के लिए, उस देश का दौरा शामिल होता है। BIS कहता है कि अब तक 67 देशों में निर्यातकों को 22,391 लाइसेंस दिए है।

एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय व्यापार मामलों के विशेषज्ञ के अनुसार, BIS लाइसेंस प्राप्त करने वाली विदेशी संस्था को उस देश से भारत में निर्यात करने का लगभग एकाधिकार हो जाएगा। क्योंकि उसके प्रतिस्पर्धी के पास BIS लाइसेंस नहीं होगा।

हाल के गुणवत्ता नियंत्रण आदेश देशों में की जा रही वृद्धि के पीछे चाहे कुछ भी वजह हो संकेत यही हैं कि सरकार अभी और भी वस्तुओं पर गुणवत्ता नियंत्रण आदेश को लागु करेगी। इसका मतलब है कि आयातकों को अधिक अनुपालन बोझ का सामना करना होगा और आयात से कम प्रतिस्पर्धा के कारण, गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के अंदर आने वाले स्थानीय उत्पादों के मूल्य बढ़ सकते हैं।

TNC RAJAGOPALAN

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