Ratan Tata hopes entrepreneurs will create new benchmarks of tomorrow
- जून 2, 2020
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Veteran industrialist Ratan Tata said the coronavirus pandemic will force entrepreneurs to adapt, create and find ways to enable new or modified enterprises that would be benchmarks of tomorrow.
While seeking not to “downplay the challenges and the difficulties embedded in these current times” the Chairman Emeritus of Tata Sons — the holding firm of Tata Group said, “it can all start on a clean sheet of paper that looks at ways of doing things that were never thought of before.”
In a post on social media platform Instagram, Tata hoped that entrepreneurs will find a better way to run their operations following the pandemic that has severely disrupted economic activity.
“In past difficult times, entrepreneurs have displayed farsightedness and creativity that could not have been believed to exist. These became the flagpoles of innovation and new technology today. I hope that the ability to find another way to build a product, run a company, run operations a better way, will emerge as an outcome of the current crisis,” he said.
Tata, who was the chairman of Tata Sons from 1991 till his retirement on December 28, 2012, further said, “I won’t downplay the challenges and the difficulties embedded in these current times. But my confidence remains high in the inventive nature and the creativity entrepreneurs today who will find ways to enable new or modified enterprises that would be benchmarks of tomorrow”.
“This crisis will force entrepreneurs to adapt and create,” said Tata, who has been actively investing in several startups after his retirement.
टाटा को उम्मीद, नए प्रतिमान गढ़ेंगे उद्यमी
वरिष्ठ उद्योगपति रतन टाटा ने 11 मई को कहा कि कोरोनावायरस महामारी के कारण उद्यमियों को अपने नए या संशोधित उद्यमों को सक्षम बनाने के लिए नए तरीके अपनाने होंगे और नए रास्ते बनाने होंगे और ये नए तरीके आने वाले कल के लिए नए प्रतिमान होंगे।
टाटा संस के मानद अध्यक्ष ने कहा कि वह मौजूदा समय में चुनौतियों और कठिनाइयों को कम करके नहीं आंकना चाहते। उन्होंने कहा कि अब यह कोरे कागज पर नई इबारत लिखने जैसा हो सकता है, जिसमें काम करने के ऐसे तरीकों पर ध्यान होगा जिसके बारे में पहले कभी सोचा नहीं गया होगा। टाटा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में उम्मीद जताई कि महामारी के बाद उद्यमियों को अपने परिचालन के लिए एक बेहतर तरीका मिलेगा।
कोरोनावायर महामारी के चलते भारत सहित दुनिया भर में आर्थिक गतिविधियां गंभीर रूप से बाधित हुई है। उन्होंने कहा कि अतीत में कठिन समय के दौरान उद्यमियों ने अविश्वसनीय दूरदर्शिता और रचनात्मकता का प्रदर्शन किया है और वे आज नवाचार और नई तकनीक के ध्वजवाहक बन गए हैं। उन्होंने कहा मुझे उम्मीद है कि मौजूदा संकट के परिणामस्वरूप किसी उत्पाद को बनाने, किसी कंपनी को चलाने का एक बेहतर तरीका हमें मिलेगा। टाटा 1991 से लेकर 28 दिसंबर 2012 की सेवानिवृति तक टाटा संस के अध्यक्ष थे। उन्होंने कहा, मैं मौजूदा समय में चुनौतियों और कठिनाइयों को कम नहीं मानता। लेकिन नवाचारी सोच और रचनात्मकता उद्यमियों में मेरा विश्वास अभी भी बहुत अधिक है, जो अपने नए या संशोधित उद्यमों को समक्ष बनाएंगे और ऐसे तरीके निकालेंगे जो आने वाले कल के लिए प्रमिान होंगे।
उन्होंने कहा कि यह संकट उद्यमियों को नई चीजों को अपनाने और कुछ नया तैयार करने के लिए प्रेरित करेगा। गौरतरब है कि टाटा अपनी सेवानिवृत्ति के बाद कई स्टार्टअप में सक्रिय रूप से निवेश कर रहे हैं।