RBI Predicts ‘Glorious Summer’ for Economy
- मार्च 5, 2021
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The economy has come out of the pandemic crisis and the recovery is getting stronger, the Reserve Bank of India (RBI) said.
“Recent high-frequency indicators suggest that the recovery is getting stronger in its traction and soon the winter of our discontent will be made glorious summer.
India is opening up faster than other countries, with large states witnessing near normalcy in activities.
In fact, the number of e-way bills issued during December 2020 was the highest, suggesting that the recovery is no longer aloft on the fleeting tailwinds of festival spending but is rising Phoenix like on the wings of an intrinsic momentum,” the RBI added. The report said domestic spending was normalizing rapidly, while goods and service tax (GST) collection surged to an all time high of `1.15 trillion in December, higher by 11.6 percent over a year ago. “Business activity is regenerating in an ‘unlock’ mood, incentivized in substantial measure by a simplified return filling system. Consumer confidence is regaining its groove.” It said.
Labour market conditions are improving with a gradual pickup in employment. It is likely that the employment situation would brighten even more in the coming months,” the RBI said.
Higher spending by the government, as witnessed recently, is “invaluable at a time when all other components of GDP are in deep retrenchment under the metastasis purveyed by the pandemic”.
In the first half of the next fiscal, GDP growth will benefit from statistical support and is likely to be mostly consumption-driven. India being the global capital for vaccine manufacturing, pharmaceuticals exports are expected to receive a big impetus. Agricultural exports would remain resilient.
“The need to kick-start investment is acquiring urgency to secure a durable turnaround and a sustainable growth trajectory,”.
RBI को ग्रीश्म ऋतु में तेजी की आशा
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था कोविड-19 के कारण पैदा हुए संकट से बाहर आ गई है और मजबूती से आगे बढ़ रही है।
केंद्रीय बैंक ने कहा, ‘वृहद आर्थिक स्थिति में हाल में आया सुधार बेहतर भविष्य का संकेत दे रहा है। देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) गर्त से निकल कर सकारात्मक वृद्धि दर्ज करने के करीब पहुंच गया है और महंगाई भी सहज स्तर के नजदीक आ रही है। इसी तरह तेजी जारी रही तो नीतिगत स्तर पर सुधारों को और गति देने के लिए उपाय करने की गुंजाइश बन जाएगी।’
दूसरे देशों के मुकाबले भारत तेजी से प्रगति कर रहा है और देश के बड़े राज्यों में आर्थिक गतिविधियां लगभग सामान्य हो गई हैं।
आरबीआई के बुलेटिन में कहा गया, ‘ई-वे बिल जारी होने में तेजी आई है, जो देश में व्यावसायिक गतिविधियां जोर पकड़ने का स्पष्ट संकेत है। इससे यह भी साफ है कि देश की अर्थव्यवस्था में तेजी केवल त्योहारों के दौरान होने वाले खर्च के कारण नहीं आई थी। राज्य के भीतर वाणिज्यिक गतिविधियों में साल भर पहले के मुकाबले 15.9 प्रतिशत और राज्यों के बीच गतिविधियों में 13.8 प्रतिशत तेजी आई है।’
आरबीआई ने कहा कि दिसंबर 2020 में सबसे अधिक ई-वे बिल जारी हुए हैं। इससे स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि अर्थव्यवस्था में सुधार अस्थायी नहीं है और आंतरिक मजबूती के दम पर आर्थिक गतिविधियां पूरे दमखम के साथ पटरी पर लौट रही हैं।’
केंद्रीय बैंक ने कहा कि घरेलू व्यय तेजी से सामान्य हो रहा है और दिसंबर में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह अब तक के सर्वाधिक स्तर 1.15 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो दिसंबर 2019 के मुकाबले 11.6 प्रतिशत अधिक रहा।
आरबीआई ने कहा, ‘कारोबारी गतिविधियां तेज हुईं और उपभोक्ताओं में विश्वास भी तेजी से लौट रहा है।’
उसने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में रोजगार की स्थिति और सुधरेगी। केंद्रीय बैंक ने कहा कि कोविड-19 महामारी से तबाह अर्थव्यवस्था में सरकार ने व्यय बढ़ाकर नई जान फूंकने की कोशिश की है।
अगले वित्त वर्ष की पहली छमाही में जीडीपी वृद्धि दर को खपत में तेजी आने से मजबूती मिलेगी। रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया में टीका उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र है और आने वाले समय में दुनिया में टीकाकरण अभियान तेज होने से देश से दवाओं आदि का निर्यात बढ़ने की उम्मीद है। आरबीआई ने कहा कि कृषि निर्यात के आंकड़े भी मजबूत रहेंगे।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘अर्थव्यवस्था में हाल में दिखी तेजी बरकरार रखने के लिए निवेश तत्काल बढ़ाने की जरूरत है।’