भुगतान संबंधी धोखाधड़ी कम करने और उसे जुड़े जोखिमों से ग्राहकों को बनाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने डिजिटल पेमेंट्स इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म स्थापित करने का प्रयास किया है।

बैंकिंग नियामक ने इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के सभी पहलुओं की जांच के लिए समिति का गठन किया है।

रिजर्व बैंक ने बयान में कहा, ’इस तरह की धोखाधड़ी से ग्राहकों को बचाने के लिए भुगतान प्रणालियां (बैंक, एनपीसीआई, कार्ड नेटवर्क, पेमेंट एग्रीगेटर और पेमेंट ऐप) विभिन्न मामलों के मुताबिक कई कदम उठाती हैं, लेकिन भुगतान व्यवस्था में नेटवर्क के स्तर पर इंटेलिजेंस और रियल टाइम डेटा शेयरिंग की जरूरत है।

पिछले 5 साल में बैकिंग सेक्टर में धोखाधड़ी के मामले 4 गुना से अधिक बढ़कर 36,075 हो गए हैं। धोखाधड़ी की संख्या के हिसाब से देखा जाए जो डिजिटल भुगतान (कार्ड या इंटरनेट से) यह सबसे ज्यादा हो रहा है। रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट से पता चलता है कि यह संख्या वित्त वर्ष 2024 में बढ़कर 29,082 हो गई, जो वित्त वर्ष 2020 में 2,677 थी।

Square One gif

व्यक्तिगत जानकारी साझा करने संबंधी कानूनी और वाणिज्यिक बाधाओं के कारण पूरे उद्योग के आंकड़े को एकत्र करने के प्रयास विफल रहे हैं। रिजर्व बैंक इस दिशा में जो कदम उठा रहा हैं हम उम्मीद कर सकते हैं कि इससे अपराधों को रोका जा सकेगा।

त्ठप् ने ई-मैंडेट ढांचे के तहत फास्टैग, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) लाइट वॉलेट के लिए ऑटो रिप्लेनिशमेंट सुविधा को शामिल करने की घोषणा की है।

इन उपकरणों में बैलेंस को स्वचालित रूप से फिर से भरने की सुविधा तब शुरू होगी जब फास्टैग, छब्डब् या न्च्प् लाइट वॉलेट में बैलेंस ग्राहक द्वारा निर्धारित सीमा से कम हो जाएगा।


 👇 Please Note 👇

Thank you for reading our article!

If you don’t received industries updates, News & our daily articles

please Whatsapp your Wapp No. or V Card on 8278298592, your number will be added in our broadcasting list.


Natural Natural