Realtors hike residential prices on verge of input cost
- अगस्त 31, 2021
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Major property developers in the country have increased residential by 8-10 percent due to rise in input prices, such as cement, steel and so on.
Cement and steel prices have risen by 50 per cent in the past six months, said realtors.
“The cost of doing business has increased – be it due to inflation in commodities like fuel and steel, goods and services tax regime changes, Real Estate (Regulation and Development) Act compliances and vaccinations for all workers,” Realtors.
Buyers are willing to spend more if they get the right product from the right developers.
The real estate sector also witnessed an increased consolidation of branded realty players and unpredictability in the prices of primary raw materials.
For instance, the prices of its plots in Gurugram have gone up from R1.5 lakh per square (sq.) yard (R16,666 per sq. feet) to R2.25 lakh per sq. yard (R25, 000 per sq. feet) within six to eight months, indicating a rise of 50 per cent, said sources.
The prices of its independent floors have gone up from R2.75 crore for 316 sq. yards to R3.75 crore for 500 sq. yards since October last year, added sources.
Sources said despite demand being low because of the second wave of the Covid-19 pandemic, the overall operating costs for developers have also gone up in the last few months, with many offering safety protocols to their workers on site and taking care of their vaccinations and other medical needs.
“Additionally, in the last one year, amid offers and discounts, many developers saw their stock getting cleared after housing demand surged during the pandemic, thus giving them the leverage to increase price. This has ultimately caused developers to increases prices.
लागत बढ़ी तो मकानों के दाम बढ़ाए गये
देश के प्रमुख प्राॅपर्टी डेवलपरों ने सीमेंट, इस्पात जैसी लागत बढ़ने के कारण आवासीय संपत्तियों के दाम 8 से 10 फीसदी तक बढ़ा दिए हैं।
डेवलपरों ने कहा कि पिछले छह महीनों के दौरन सीमेंट और इस्पात के दाम 50 फीसदी तक बढे हैं। उन्होंने कहा कि उनके खरीदारों को कंपनी की परियोजनाओं की जगह, मकानों की गुणवत्ता, डिजाइन और उसकी निर्माण की रफ्तार पसंद आती है। उन्होंने कहा, ‘कीमतों में मामूली बढ़ोतरी के बाद हमने मांग में कोई गिरावट दर्ज नहीं की है।
डेवलपरों का कहना है कि, ‘कारोबार करने की लागत बढ़ गई है। भले ही यह ईंधन एवं इस्पात जैसी जिंसों में महंगाई हो, जीएसटी प्रणाली की बदलाव हो, रेरा अनुपालन हो या अतिरिक्त सुरक्षित कार्यस्थल सुनिश्चित करना हो और सभी कर्मचारियों का टीकाकरण हो। इसके नतीजतन हमने बहुत सी परियोजनाओं में अलग-अलग कीमत बढ़ोतरी की है, जिनका निर्धारण उस बाजार की मांग की तस्वीर के आधार पर किया गया है।’
हालांकि अगर खरीदारों को सही डेवलपरों से सही चीज मिल रही है तो वे ज्यादा पैसे खर्च करने को भी तैयार हैं।
उदाहरण के लिए गुरूग्राम में प्लांटों के दाम छह से आठ महीनों के भीतर 1.5 लाख प्रति वर्ग गज (16,666 रुपये प्रति वर्ग फुट) से बढ़का 2.25 लाख प्रति वर्ग गज (25,000 रुपये प्रति वर्ग फुट) हो गए हैं, जिनसे 50 फीसदी बढ़ोतरी का पता चलता है।
सूत्रों ने कहा कि स्वतंत्र फ्लोर की, कीमतें पिछले साल अक्टूबर से 316 वर्ग गज के लिए 2.75 करोड़ रुपये से बढ़कर 500 वर्ग गज के लिए 3.77 करोड़ रुपये हो गई है।
दूसरी लहर के कारण मांग कम होने के बावजूद डेवलपरों की परिचालन लागत पिछले कुछ महीनों के दौरान बढ़ी है। बहुत से डेवलपर साइट पर अपने कामगारों को सुरक्षा मुहैया करा रहे हैं और उनके टीकाकारण और अन्य चिकित्सा जरूरतों की जिम्मेदारी उठा रहे हैं।