The GST Council’s Law Committee has recommended to tighten the registration process so that those issuing fake bills can be excluded from the system. After its meeting for two days, the committee suggested that Aadhaar-like registration process can be started for new or fresh applications under the Goods and Services Tax System (GST). Sources in the revenue department said that under this new registration can be done online, which will be done using live photos and biometrics including proper verification of documents.

Such facilities can be provided in banks, post offices and GST service centers. GST Seva Kendras can operate on the lines of Passport Seva Kendras, which can provide new registration facilities and do the necessary investigation of fake registrations. Sources in the revenue department said that the committee suggested that if it opts for the non-Aadhaar verification based registration process and does not have an income tax return then a fresh registration for mandatory physical verification and personal identification should be done. In such a case he may have to submit a letter of recommendation from two taxpayers with sufficient credibility.

Sources said that it suggested to postpone the first batch of risky traders and mark such taxpayers on the basis of important parameters such as not filing returns for six months. GST officials have started a nationwide scam of fake bill issuers. Within 10 days of this campaign, the Directorate General of GST Intelligence (DGGI) and the Central GST Commissionerate have arrested around 50 people and registered more than 600 cases on about 2400 companies.


जीएसटी पंजीकरण सख्त बनाने की सिफारिश


जीएसटी परिषद की विधि समिति ने पंजीकरण प्रक्रिया कड़ी करने की सिफारिश की है ताकि फर्जी बिल जारी करने वालों को इस प्रणाली से बाहर किया जा सके। समिति ने दो दिन तक अपनी बैठक के बाद सुझाव दिया कि वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली (जीएसटी) के तहत नए या जाता आवेदनों के लिए आधार जैसी पंजीकरण प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। राजस्व विभाग के सूत्रों ने कहा कि इसके तहत नया पंजीकरण आॅनलाइन किया जा सकता है, जिसमें दस्तावेजों के उचित सत्यापन समेत लाइव फोटो और बायोमेट्रिक्स का उपयोग किया जाएगा।

ऐसी सुविधाएं बैंकों, डाकघरों और जीएसटी सेवा केंद्रों में मुहैया कराई जा सकती है। जीएसटी सेवा केंद्र पासपोर्ट सेवा केंद्रों की तर्ज पर काम कर सकते हैं, जो नई पंजीकरण सुविधाएं मुहैया करा सकते हैं और फर्जी पंजीकरण की आवश्यक जांच-पड़ताल कर सकते हैं।

राजस्व विभाग के सूत्रों ने कहा कि समिति ने सुझाव दिया कि अगर वह गैर-आधार सत्यापन आधारित पंजीकरण प्रक्रिया को चुनता है और उसके पास आयकर रिटर्न नहीं है तो अनिवार्य भौतिक सत्यापन और व्यक्तिगत पहचान के लिए नया पंजीकरण किया जाए। ऐसे मामले में उसे पर्याप्त विश्वसनीयता वाले दो करदाताओं का सिफारिश पत्र सौंपना पड़ सकता है।

सूत्रों ने कहा कि इसने जोखिम वाले कारोबारियों की पहली खेप को स्थगित करने और ऐसे करदाताओं को छह महीने तक रिटर्न नहीं भरने जैसे अहम मापदंडों के आधार पर चिह्निित करने का सुझाव दिया।

जीएसटी अधिकारियों ने फर्जी बिल जारी करने वालों की देश भर में धरपकड़ शुरू की है। इस मुहिम के 10 दिन में ही जीएसटी खुफिया महानिर्देशालय (डीजीजीआई) और सेंट्रल जीएसटी कमिश्नरेट ने 50 लोगों को पकड़ा है और करीब 2400 कंपनियों पर 600 से अधिक मामले दर्ज किए हैं।