Reduce trade costs, increase export competitiveness

आर्थिक समीक्षा 2025 में कहा गया है कि संरक्षणवाद बढ़ने के कारण वैष्विक व्यापार की स्थिति बदलने के साथ ही अनिश्चितता बढ़ रही है। ऐसे में भारत को निर्यात प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए लागत घटाकर और सुविधा में सुधार करके व्यापार प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने की जरूरत होगी।

रिपोर्टं में कहा गया है, ‘हाल के वर्षों में वैश्विक व्यापार की स्थिति में उल्लेखनीय बदलाव हुआ है। वैश्वीकरण से हटते हुए अब व्यापार संरक्षण बढ़ रहा है और अनिश्चितता भी बढ़ी है। इसे देखते हुए भारत के लिए नए रणनीतिक खाके की जरूरत है।‘

इसमें कहा गया है, ‘व्यापार प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है। अच्छी खबर यह है कि ऐसा करना पूरी तरह हमारे हाथ में है। इसके लिए उद्योग को निश्चित रूप से गुणवत्ता पर निवेश जारी रखना होगा।‘

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि प्रतिकूल भू-राजनीतिक स्थितियों के बावजूद भारत के विदेष व्यापार का प्रदर्षन बेहतर है।

आपूर्ति के लिए किसी एक देश पर अत्यधिक निर्भरता के जोखिम का उल्लेख करते हुए मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि कई उच्च और मध्यम तकनीक के क्षेत्रों में चीन की अच्छी और प्रभावी पैठ है। उन्हांेने कहा, ‘वैश्विक उत्पाद में चीन की हिस्सेदारी उसके बाद वाले 18 देशों की कुल हिस्सेदारी से शायद ज्यादा होगी। इससे उसे रणनीतिक बढ़त और बहुत सारे फायदे होते हैं।