पुंजी प्रवाह से आत्मनिर्भर देश की राह
- अक्टूबर 10, 2023
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भारत में पिछले दशक में 350 अरब डॉलर से अधिक निजी पूंजी लगाई गई है, जिससे 5,000 से अधिक उद्यमों को बढ़ावा मिला है। ये नए व्यवसाय तकनीक की पूरी सम्भावना को सम्मिलित करने वाले नवाचारी व्यापार मॉडल हैं, जो हर भारतीय की आकांक्षाओं को पूरा कर रहीं है।
पिछले दशक में एक बड़ा बदलाव आया है, जिसमें भारत को 30 करोड़ घरों के बाजार के रूप में पुर्नस्थापित किया है, जो पहले सिर्फ 2 करोड़ घरों का था - टायर-1 शहरों में।
एक प्रतिबद्ध उद्योग के जिम्मेदार निवेश के सिद्धांतों ने एक औदार्य, समावेशी अर्थव्यवस्था का निर्माण किया है, और जिसने बड़े वैश्विक निवेशकों का एक आकर्षक निवेश स्थल के रूप में विश्वसनीयता प्राप्त की है।
इस पारिस्थितिक तंत्र ने युवा मस्तिश्क को उंची छलांग लेने को प्रेरित करते हुए पुर्नजागृत किया है। इसने मानसिकता में एक बदलाव पैदा किया है जहां उद्यमिता अब स्वीकृत आजीविका है और यकीनन, गर्व से जीवन जीने का एक तरीका है।
आज, स्टार्टअप्स और नए व्यवसायों का स्वागत किया जाता है, और कई अपने दिल की सुनते हुए स्थापित करियरों को छोड़ रहे हैं, जिनके परिवार उद्यमिता के मजबूत समर्थकों के रूप में खड़े हो रहे हैं। जोखिम और पुरस्कार की अनुपातिक प्रमाणिकता अपनाई गई है, जिसने अनिश्चितता और प्राप्ति के बीच एक समरस संबंध को स्थापित किया है।
देश में या वे जो वैश्विक गए हैं, उनकी कहानियां पूंजी निवेशक और उद्यमियों के बीच साझेदारी की शक्ति की प्रमाणिता है, जो एक महान समूह को आत्मनिर्भर बनाने और बड़ी आकांक्षाओं और आत्मविश्वास की नई दुनिया में उच्च उत्साह में ले जा रही है।
यह क्रांति महत्वपूर्ण बनी है भारत की पूंजी आकर्षित करने की दिशा में भारत सरकार की कोशिश से। इसके साथ ही GST और इंडिया स्टैक जैसे प्रगतिशील संशोधनों ने भारत को निवेश के लिए एक आकर्षक स्थल बना दिया है।