Soon, bank transfer may need recipient account holder’s approval
- सितम्बर 16, 2019
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Soon, bank transfer may need recipient account holder’s approval
The Centre seeks the RBI’s view on the matter; the move is aimed at curbing instances of illegal deposit of money in bank accounts
The government wants banks to seek permission from customers before allowing any fund deposit in their accounts. The development comes after Union Finance Minister Nirmala Sitharaman, in her Budget 2019 speech, assured to take steps to empower bank account holders and give them control over cash deposit in their accounts. The move is aimed at curbing instances of illegal deposit of money in bank accounts, including those opened under Pradhan Mantri’s Jan Dhan Yojana (PMJDY).
The government has reportedly sought the Reserve Bank of India’s view on the matter. Under the proposed mechanism, banks will be required to inform customers before someone tries to deposit money in their accounts.
This will not only give people an option of rejecting unknown fund transfer but also help the government to put a stop on illicit deposits. The daily said the government might keep the service paid, so only those willing to pay would be able to avail the facility.
So far, there is no provision of permission during deposit or fund transfer among bank accounts.
During her Budget speech in Parliament this year, Sitharaman said the Centre was mulling to take certain steps to improve the current situation.
“Government will initiate steps to empower (bank) account holders to remedy the current situation in which they do not have control over the deposit of cash by others in their accounts,” Sitharaman had said during the Budget speech.
The issue of illegal money had come to the fore after the Modi government’s decision to abruptly ban Rs.500 and Rs.1,000 currency notes in November 2016.
As per reports, after demonetisation, cash totalling Rs.42,200 crore was deposited in 3.74 crore Jan Dhan accounts between November 8, 2016, and December 30, 2016. This had raised doubts of potential misuse of the accounts for converting black money into white, forcing the government to launch a probe in the matter.
दूसरे के खाते में रकम के लिए लेनी होगी इजाजत
किसी भी ग्राहक के बैंक खाते में किसी के द्वारा पैसे जमा कराने से पहले बैंक संबंधित खाताधारक की अनुमति लेगा। बैंकों में यह व्यवस्था जल्द ही शुरू हो सकती है। ग्राहक के खाते में जमा होने वाले पैसे के बारे में खाताधारक को जानकारी मिले, ऐसी प्रणाली विकसित करने के लिए केंद्र सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को पत्र लिख कर राय मांगी है।
नोटबंदी के दौरान प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खोले गए खातों में अनुचित तरीके से पैसे जमा कराने के कई मामले सामने आने के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है।
सरकार के अधिकारी के नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा कि प्रस्तावित प्रणाली के तहत जब कोई भी व्यक्ति खाताधारक के बैंक खाते में पैसे जमा कराने की कोशिश करेगा तो बैंक के द्वारा संबंधित खाताधारक को सूचित किया जाएगा। उसके बाद ग्राहक के पास जमा स्वीकार या उसे अस्वीकार करने का अधिकार होगा।
बैंक नियामक और सरकार के बीच जिस प्रस्ताव पर चर्चा की गई है, उसमें कहा गया है यह सेवा सभी ग्राहकों के लिए नहीं होगी क्योंकि संबंधित बैंक इस सेवा के लिए कुछ शुल्क ले सकते हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में की गई घोषणा के बाद सरकार की ओर से यह कदम उठाए जा रहे हैं। सीतारमण ने बजट भाषण में कहा था, ‘सरकार बैंक खाताधारकों को सशक्त बनाने के लिए कदम उठाएगी और उनके खाते में जमा होने वाली नकदी पर नियंत्रण का अधिकार देगी।’
सरकार की पहल
- खाते में रकम जमा करने से पहले खाताधारक से लेनी होगी अनुमति
- सरकार ने आरबीआई से इस प्रस्ताव पर मांगी राय
- ग्राहकों को इस सेवा के लिए देना पड़ सकता है शुल्क
फिलहाल किसी भी खाते में पैसे जमा कराने के लिए खाताधारक की अनुमति की जरूरत नहीं होती है। जमाकर्ता को प्राप्तकर्ता के बैंक खाता संख्या और आईएफएससी कोड की जरूरत होती है। इसकी मदद से कोई भी आईएमपीएस या आरटीजीएस के जरिये खाते में पैसे जमा करा सकता है। पैसे जमा कराने के लिए प्राप्तकर्ता की सहमति के लिए बैंक के कोर बैंकिंग प्रणाली (सीबीएस) में बदलाव करना होगा। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘बैंकों को इस सेवा के लिए लागत वहन करना होगा, ऐसे में बैंकों को ग्राहकों से इस सुविधा के लिए शुल्क वसूलने की अनुमति होगी।’
वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि सरकार के संज्ञान में आया है कि बीते समय में कई ग्राहकों के बैंक खातों में अवैध तरीके से पैसे जमा कराए गए हैं। उक्त अधिकारी ने कहा, ‘जांच एजेंसियों को संदेह है कि यह पैसे आतंकी गतिविधियों से जुड़े लोगों के बैंक खातों से हेरफेर किए गए हों और प्राप्तकर्ता को ऐसे लेनदेन के बारे में जानकारी भी नहीं हो।’
मौजूदा समय में खाते में जमा होने वाली नकदी पर खाताधारकों का नियंत्रण नहीं होता है, ऐसे में सरकार खाताधारक को सशक्त बनाने के लिए कदम उठाएगी।