7 करोड़ कर दाखिल को बढ़ाकर 2047 तक 48 करोड करने का लक्ष्य
- अक्टूबर 10, 2023
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सरकार को विश्वास है कि आयकर दाखिल करने का हालिया स्तर 7 करोड़ से कई गुना बढ़ाकर 2047 तक 48.2 करोड़ हो जाएगा। हालांकि इस लक्ष्य को हकीकत में बदलने के लिए अगले नौ वर्षों में कुल सालाना आयकर विवरणिका करीब 14.9 करोड़ होने की जरूरत है। इस स्तर पर वृद्धि होने पर ही यह लक्ष्य हासिल हो पाएगा।
स्वतंत्रता प्राप्ति के सात दशकों में सबसे अधिक आयकर विवरणिका इस वर्ष हुई है। लेकिन इस आगामी लक्ष्य को हासिल करने के लिए वित्त वर्ष 32 में 7.6 करोड़ अतिरिक्त आयकर विवरणिका दाखिल करने की जरूरत होगी। इसमें यह आकलन भी किया गया है कि हाल के पिछले वर्षों की तुलना में वृद्धि दर कम होगी हालांकि बढ़ती हुई कार्यशील जनसंख्या को रोजगार और समय के अनुरूप आय में वृद्धि होने से लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।
बीते वर्ष की आयकर विवरणिका दाखिल में वृद्धि से यह पता चलता है कि ऐसी वृद्धि दर को पहले भी हासिल किया जा चुका है। वित्त वर्ष 14 और वित्त वर्ष 23 के बीच चक्रवृद्धि वृद्धि दर 8.5 प्रतिशत थी। वित्त मंत्रालय के इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए 8.2 प्रतिशत की वृद्धि चाहिए होगी।
वित्त मंत्रालय के अनुसार 2047 तक आयकर दाखिल करने वालों की संख्या करीब 50 करोड़ होगी। इसका तात्पर्य यह है कि वित्त वर्ष 27 तक 10 करोड़, वित्त वर्ष 36 तक 20 करोड़, वित्त वर्ष 41 तक 30 करोड़ और वित्त वर्ष 45 तक 40 करोड़ के आंकड़े पार करने होंगे।
संयुक्त राष्ट्रª के जनसंख्या अनुमान के विश्लेषण के मुताबिक भारत में 2047 तक पर्याप्त कामकाजी उम्र के लोग होंगे। वर्ष 2047 तक 15 से 64 साल के एक अरब से अधिक लोग होने चाहिए और भारत की कुल जनसंख्या में इस आयु वर्ग की हिस्सेदारी 68 फीसदी होगी। कार्यशील आयु की जनसंख्या अपने उच्चतम स्तर पर 2032 में होने की उम्मीद है, जब यह करीब 69 फीसदी होगी।
आयकर विवरणिका दाखिल करने में हाल में कुछ फायदा औपचारिकता बढ़ने के कारण हुआ है। इसका अर्थ यह हुआ कि अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में खास दायरे में कमाने वाले अब आयकर विवरणिका भरने लगे हैं। बढ़ती आय से वृद्धिशील लाभ प्राप्त किए जा सकते है। अब अधिक लोगों को पर्याप्त आमदनी वाली नौकरियां मिल रही हैं और उन्हें आयकर अदा करना पड़ता है।
आयकर लक्ष्य को हासिल करने का सबसे बड़ा कारक महिलाओं का अधिक कार्य करना भी हो सकता है। महिला श्रम बल के तहत कामकाजी महिलाएं या रोजगार चाहने वाली महिलाएं आती हैं। भारत में महिला श्रम बल भागीदारी 24 प्रतिशत है। वहीं बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं जैसे ब्राजील, रूस और चीन में महिला श्रम बल की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से अधिक है।