In the year 2021-22 after the Corona period, the country’s economy has shown signs of improvement. However, the reports of all the agencies are telling that the pace of growth may decrease in the year. 2022-23 In such a situation, real estate is the only sector that can increase demand in many industries simultaneously. This sector has a lot of expectation from Finance Minister Nirmala Sitharaman that she will pay special attention to improve their position in the budget. Some of the leading consultants and companies in this sector have sought to make the existing provisions of tax exemption on home loans more attractive. This one move has the potential to revitalize the entire real estate sector.

The real estate management expert said that the way the effect of the third wave of Corona is visible, the current boom is not likely to continue. Especially when inflation is getting worse and due to this, monetary policy will change. This means that the environment of softening of interest rates will end. In such a situation, the effort of the government should be that every section (buyers and sellers) associated with this sector should have more funds in their hands. Along with increasing the tax exemption scope, a big step can be taken by the Finance Minister to implement a uniform GST rate on every category associated with this industry.

Interest could be a game changer Increasing the exemption limit on interest rates on home loans could be a big game changer. At present, this limit is up to R2 lakh, which is applicable for many years. It is expected that Finance Minister Nirmala Sitharaman will increase this limit from R2 lakh to R5 lakh. This step will prove to be a boost to the entire economy. A large number of salaried class will benefit from raising the tax exemption limit on interest payable on home loan to R5 lakh per annum. His dream of buying his own house will come true and the demand for new houses will increase rapidly. Apart from this, there should be a system to reduce the rates of stamp duty in Tier I and II category cities. This will pave the way for early completion and sale of semi-finished housing projects in cities.


रियल एस्टेट में तेजी से जुड़ी है इकोनमी की रफ्तार


कोरोना काल के बाद के वर्ष 2021-22 में देश की अर्थव्यवस्था में काफी सुधार के लक्षण दिखाई दिए हैं। हालांकि सारी एजेंसियों की रिपोर्ट बता रही है कि वर्ष 2022-23 में विकास दर की रफ्तार घट सकती है। ऐसे में रियल एस्टेट ही एकमात्र सेक्टर है जो एक साथ कई उद्योगों में मांग बढ़ा सकता है। इस सेक्टर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से काफी उम्मीद है कि वे बजट में उनकी स्थिति सुधारने पर खास ध्यान देंगी। इस सेक्टर के कुछ प्रमुख कंसलटेंट और कंपनियों ने होम लोन पर टैक्स छुट मिलने के मौजूदा प्रविधानों को और आकर्षक बनाने की मांग की है। यह एक कदम समूचे रियल एस्टेट सेक्टर में नई जान फूंकने की काबिलियत रखता है।

रियल एस्टेट प्रबंधन विशेषज्ञ ने कहा कि जिस तरह से कोरोना की तीसरी लहर का असर दिखाई दे रहा है उससे मौजूदा तेजी के बने रहने की संभावना नहीं है। खास तौर पर तब जब महंगाई की स्थिति खराब हो रही है और इसकी वजह से मौद्रिक नीति बदलेगी। यानी ब्याज दरों में नरमी का माहौल खत्म होगा। ऐसे में सरकार की कोशिश होनी चाहिए कि इस सेक्टर से जुड़े हर वर्ग (क्रेता व विक्रेता) के हाथ में ज्यादा फंड हो। टैक्स छूट दायरे को बढ़ाने के साथ वित्त मंत्री एक बड़ा कदम यह उठा सकती है कि वह इस उद्योग से जुड़े हर वर्ग पर एक समान जीएसटी की दर लागू करें।

गेमचेंजर हो सकती है ब्याज होम लोन पर ब्याज दरों में छूट की सीमा बढ़ाना बड़ा गेमचेंजर हो सकता है। अभी यह सीमा दो लाख रुपये तक की है जो कई वर्षों से लागू है। उम्मीद है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस सीमा को दो लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करेंगी। यह कदम पूरी अर्थव्यवस्था को तेज गति देने वाला साबित होगा। होम लोन पर देय ब्याज पर कर छूट की सीमा बढ़ाकर पांच लाख रुपये सालाना करने से बड़ी संख्या में वेतनभोगी वर्ग को फायदा होगा। अपना घर खरीदने का उनका सपना पूरा होगा और नए आवासों की मांग तेजी से बढ़ेगी। इसके अलावा टियर वन और टू श्रेणी के शहरो में स्टांप शुल्क की दरों को घटाने की कोई व्यवस्था होनी चाहिए। इससे शहरों में अर्द्धनिर्मित आवासीय परियोजनाओं को जल्द पूरा करने और उनके बिकने का रास्ता निकलेगा।