The role of logistics in the dynamism of the world
- जुलाई 14, 2023
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In the World Bank’s Logistics Performance Index 2023, India has improved its ranking by six positions, securing the 38th position out of 139 countries. Countries like Turkey, Saudi Arabia, and Portugal, which are relatively affluent nations, are also ranked at the same position. This is a significant positive development as it reduces the cost of doing business in the country. It will aid India’s exports and make it an attractive center for investment in various sectors, including manufacturing. China still remains far ahead at the 19th position. Malaysia is at the 26th position, while Thailand is at the 34th position.
Excessive regulation is bad, but inadequate regulation is also detrimental. Any index that is based on the idea of improving weak regulation inherently has flaws in its design.
The logistics performance index is based on six components: customs efficiency, quality of trade and transport infrastructure, ease of arranging shipments, logistics services quality and competence, tracking and tracing of goods, and timeliness. It also reflects an important aspect of business facilitation. India’s position in the logistics performance index has changed over time. It was at the 47th position in 2010.
Moving forward, India not only needs to maintain its performance but also make improvements, as our competitors are striving for progress. For example, the Philippines improved its position from 60th to 18th. It has better performance in terms of timeliness compared to India.
In addition to logistics performance, we also need to pay attention to the cost of fuel, electricity, and transportation. While electricity prices are low for consumers, they are higher for producers compared to other competitors. There is also a need to review the freight charges of the Indian Railways as it is often subsidized through cross-subsidization with passenger fares. The freight charges of Indian Railways are among the highest in the world, second only to Japan.
India is progressing rapidly, and the government’s focus on logistics improvement is yielding positive results. However, this is a battle that requires continuous and strategic efforts. Logistics is not an expense but an investment. Such improvements form the foundation for sustained economic growth and development.
दुनिया की गतिशीलता में लॉजिस्टिक्स की भूमिका
विश्व बैंक के 139 देशों वाले लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स 2023 में भारत ने छह स्थानों का सुधार करके 38वां स्थान हासिल कर लिया है। तुर्किये, सऊदी अरब और पुर्तगाल जैसे अपेक्षाकृत अमीर देश भी रैंकिंग में इसी स्थान पर हैं। यह बहुत सकारात्मक घटनाक्रम है क्योंकि इससे देश में कारोबार करने की लागत कम होती है। इससे भारत के निर्यात को मदद मिलेगी और भारत विनिर्माण सहित अन्य क्षेत्रों में निवेश के लिए आकर्षक केंद्र बनेगा। चीन अभी भी 19वें स्थान के साथ बहुत आगे है। मलेशिया 26वें और थाईलैंड 34वें स्थान पर है।
बहुत अधिक नियमन बुरा है लेकिन बहुत कम नियमन भी खराब है। ऐसे में कोई भी सूचकांक जो कम नियमन को बेहतर बनाने के विचार पर आधारित हो उसके डिजाइन में ही गड़बड़ी लाजिमी है।
लॉजिस्टिक सूचकांक छह घटकों पर आधारित है- सीमा शुल्क, व्यापार और परिवहन बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता, प्रतिस्पर्धी कीमत पर ढुलाई की व्यवस्था की सुगमता, लॉजिस्टिक सेवाओं की क्षमता और गुणवत्ता, माल की निगरानी करने की क्षमता और समयबद्धता। यह कारोबारी सुगमता के एक अहम घटक का भी आकलन करता है। लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस सूचकांक पर भारत की स्थिति समय-समय पर बदली है। 2010 में यह 47वें स्थान पर था।
आगे की बात करें तो भारत को न केवल अपने प्रदर्शन को बरकरार रखने में मेहनत करनी होगी बल्कि इसमें सुधार भी करना होगा। यह अहम है क्योंकि हमारे प्रतिस्पर्धी सुधार का प्रयास कर रहे हैं। उदाहरण के लिए फिलिपींस ने 60वें स्थान से 18 स्थानों का सुधार किया और वह 43वें स्थान पर आ गया। समयबद्धता के मोर्चे पर उसका प्रदर्शन भारत से बेहतर है।
लॉजिस्टिक प्रदर्शन के अलावा हमें ईंधन, बिजली और मालवहन की लागत पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। बिजली की कीमतें उपभोक्ताओं के लिए तो कम हैं लेकिन उत्पादकों के लिए वे अन्य प्रतिस्पर्धियों की तुलना में अधिक हैं। भारत की रेल प्रणाली में भी सुधार दिख रहा है लेकिन माल भाड़े की भी समीक्षा करने की आवश्यकता है क्योंकि उसका इस्तेमाल अक्सर यात्री किराये की क्रॉस सब्सिडी में किया जाता है। भारतीय रेल माल भाड़ा जापान के बाद दुनिया में सबसे मंहगे रेल भाड़ों में शामिल है।
भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है और सरकार लॉजिस्टिक्स में सुधार पर जो ध्यान केंद्रित कर रही है उसके भी लाभ सामने आ रहे हैं लेकिन यह एक ऐसी लड़ाई है जिसे चतुराईपूर्वक और लगातार लड़ना होगा। लॉजिस्टिक्स व्यय नहीं बल्कि एक निवेश है। ऐसे सुधार ही विकसित अर्थव्यवस्था बनने के लिए आवश्यक सतत वृद्धि की बुनियाद रखते हैं।