The transparent monetary policy of India has increased confidence

बैंक फॉर इंटरनैशनल सेटलमेंट द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है, कि महामारी से पैदा हुई चुनौतियों के बीच मौद्रिक नीति ढांचे के तहत उठाए गए महत्त्वपूर्ण कदमों से भारत के नागरिकों के बीच विश्वास पैदा हुआ।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अग्रिम दिशानिर्देश मुहैया कराने से इतर रिजर्व बैंक ने उठाए गए कदमों की वजह को पारदर्शी तरीके से समझाने के लिए संचार चैनलों का इस्तेमाल किया, जिससे महंगाई दर को नियंत्रित करने में सफलता मिली और आम जनता में विश्वास और भरोसे का संचार हुआ।

इसके अलावा विनिमय दर में हस्तक्षेप से वृहद आर्थिक स्थिरता के साथ बाजार का भरोसा बरकरार रहा। विदेशी मुद्रा भंडार की पर्याप्तता में सुधार से निवेशकों का नीति निर्माताओं के रुख को लेकर विश्वास कायम हुआ।

भारत ने एक समग्र रणनीति अपनाई। व्यापक भरोसे वाले कदमों जिसमें वाह्य वाणिज्यिक उधारी की सीमा में बढ़ोतरी और ऋण बाजारों में विदेशी निवेश पर प्रतिबंधों में ढील दिया जाना शामिल है। संपत्ति बाजार के दबाव को कम करने के लिए प्रतिभूति बाजारों में बैंकों की हिस्सेदारी को लेकर प्रतिबंध घटाए गए।

कर्ज लेने वालों का समर्थन करने के लिए रिजर्व बैंक ने व्यक्तिगत और छोटे व्यापारियों द्वारा लिए गए ऋण को लेकर पहल की। इसमें अस्थायी ऋण स्थगन, कार्यशील पूंजी का आसानी से इंतजाम, विशेष समाधान ढांचे के माध्यम से कर्ज देने वालों के खातों के पुनर्गठन की व्यवस्था शामिल है।

इन कदमों का लक्ष्य व्यक्तिगत ऋण और छोटे कारोबारियों द्वारा लिया गया ऋण था, जिसमें किस्तों का भुगतान टालकर अस्थायी अवधि के लिए ऋणस्थगन करना, कार्यशील पूंजी तक पहुंच आसान बनाना, विशेष समाधान ढांचे के तहत कर्जदाताओं द्वारा कर्ज लेने वालों के खातों के पुनर्गठन की अनुमति देना शामिल है।