इन दिनों प्लाइवुड उद्योग कई तरह की चुनौतियों से दो चार हो रहा है,

हर उद्योग में चुनौतियां आती है। यह एक चक्र है। जो निश्चित अंतराल के बाद आता ही रहता है। ऐसे में प्लाईवुड उद्योग में वह ही लंबे समय तक टिक पाएगा, जिसमें धैर्य है। जो धैर्य दिखायेगा उसे इसका लाभ भी मिलेगा। क्योंकि इस स्थिति में खुद को उद्योग में बनाए रखना बेहद जरूरी है।

लकड़ी की कीमतें अपने उच्चतम स्तर पर है। फैक्ट्री को नियमित चलाए रखना कितना मुश्किल है, तब जबकि बाजार से अपनी लागत वसुली भी ना जा सके। यमुनानगर में तमाम चुनौतियों के बावजूद यहां के उद्योगपति अपने जज्बे का बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। और इस समय का सदुपयोग अपनी तकनीक को उन्नत करने में लगा रहें है। इस वजह से हमारी मशीनों की मांग नियमित अंतराल पर आ रही है।

आज के दौर में उच्च तकनीक मशीनों की उपयोगिता कितनी ज्यादा है?

दो तरह के निर्माता होते हैं। एक तो वह है, जो गुणवत्ता पूर्ण उत्पाद तैयार करते हैं, इसके बाद बाजार में मार्केटिंग करते हैं। दूसरे वह है, जो सिर्फ माल बनाते हैं और बेचते है, लेकिन खुद को उत्पादक की तरह दिखाते हैं। इन्हें हम उद्योगपत्ति की जगह ट्रªैडर कह सकते है।

जो वास्तव में निर्माता या सही अर्थों में उद्योगपति है, उनके लिए तकनीक बहुत मायने रखती है। तकनीक किसी भी उद्योग के विकास व तरक्की के लिए बहुत ही जरूरी है। यदि समय के साथ बदल रही तकनीक और परिस्थियों के अनुरूप खुद को नहीं ढाला तो पिछड़ सकते हैं। लेकिन जो उद्योग में बस इस मानसिकता के है कि काम चलाना है। उनके लिए तकनीक ज्यादा मायने नहीं रखता। वैसे लोग रटी रटाई तकनीक पर चलते रहते है।

आधुनिक तकनीक की मशीनों को लेकर बाजार का रुख क्या है?

हमारे पास उच्च तकनीक युक्त मशीनें है, जो लंबी रिसर्च के बाद बाजार की मांग और जरूरत के अनुसार विकसित की गई है। जो प्लाईवुड निर्माता तकनीक के साथ कदमताल कर रहे हैं, वह उच्च तकनीक की मशीन ले रहे हैं। इस तरह की मशीनों की मांग धीमे पर लगातार बढ़ रही है। जो दो बात साबित कर रही है। एक तो यह है कि प्लाईवुड निर्माता तकनीक को अपना रहे हैं, दूसरा उद्योगपति भविष्य को देख कर अपनी रणनीति बना रहे हैं। क्योंकि तकनीक से न सिर्फ क्वालिटी में बहुत ज्यादा सुधार होता है, बल्कि कई तरह के अनावश्यक खर्च (वेस्टेज) भी बच जाते हैं। जैसे जैसे कच्चे माल की कीमतें बढ़ रहीं हैं, वेस्टेज कंट्रोल और क्षमता सुधार की मानसिकता (और आवश्यकता भी) उद्योगपत्तियों में बढ़ रही है।

हम सभी मानसिक रूप से बदलाव के लिए तैयार नहीं रहते ?

समय और वक्त के साथ बदलना तो सभी को पड़ता है। यह जिंदगी का चैलेंज है। इसलिए बाजार में हो रहे बदलाव के साथ खुद को बदलना ही बेहतर विकल्प है। बाजार से शुन्य होकर निकल जाना कोई अच्छा विकल्प नहीं माना जा सकता। इतिहास में ऐसे दर्जनों उदाहरण हैं, जिन्होंने वक्त के साथ अपने को नहीं बदला, वे इतिहास के पन्नों में सिमट गए। इसमें कुछ तात्कालिक दिक्कत तो पुरजोर आती है, लेकिन परिणाम बेहद सुखद होते हैं। यह भी सही है कि यह परिणाम कुछ देर के बाद नजर आते हैं। बदलाव का फायदा आपको एक दम से नजर नहीं आता। इसलिए किसी भी उद्योगपति के लिए बदलाव को समझना और स्वीकार करना सुखद भविष्य की ओर लेकर जाता है।

आपकी प्लाइवुड मशीनों की मांग स्थानीय स्तर पर ज्यादा है, या बाहर भी मांग है?

स्थानीय स्तर पर भी और विदेश से भी मांग आ रही है। जो उद्योगपति तकनीक को तवज्जो देते हैं, उनके बीच में हमारी मशीनों की मांग बढ़ रही है। जो इस बात को दर्शा रहा है कि प्लाइवुड उद्योग तमाम चुनौतियों के बीच भी अपने अस्तित्व की लड़ाई शानदार तरीके से लड़ रहा है। यह सुखद संकेत है। वर्त्तमान में सेन्डींग के साथ साथ केलीब्रेटर की मांग लगातार बढ़ रही है। कोर की बेहतर इस्तेमाल और वेस्टेज Control के लिए कोर कंपोजर का रूझान भी बढ़ रहा है।