Ways to improve living standard

भारत एक स्थिर स्थिति में है और भू-राजनीतिक तनाव तथा कच्चे तेल और अन्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति को बढ़ाने वाली मांग-आपूर्ति में बेमेल के बावजूद एक स्थायी आर्थिक पुनरुद्धार के शुरुआती संकेत देख रहा है। भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ‘‘मेक इन इंडिया‘‘ और ‘‘वोकल फॉर लोकल‘‘ पहल के बाद, अब विदेशों पर निर्भरता कम करने के लिए स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इसके लिए सरकार एमएसएमईएस को अभूतपूर्व सहयोग दे रही है।

जीवन स्तर

G20 देशों में भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। हालाँकि, चुनौती जीवन स्तर में सुधार करना है। प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद के मामले में भारत 149 वें स्थान पर है जो G20 अर्थव्यवस्थाओं में अंतिम स्थान पर है। कम प्रति-पूंजी आय के अलावा, भारत में आय के असमान वितरण की भी समस्या है। इससे गरीबी की समस्या गंभीर हो जाती है। अर्थव्यवस्था को उच्च विकास दर बनाए रखने के लिए उच्च बचत दर की आवश्यकता है। अर्थव्यवस्था की दीर्घकालिक स्थिरता घरेलू आय में वृद्धि से आएगी। कोई भी देश अपने सूक्ष्म मापदंडों को सुधारे बिना वांछित वृहत परिणाम प्राप्त नहीं कर सकता। वर्तमान परिदृश्य में, भारतीय अर्थव्यवस्था भू-राजनीतिक उथल-पुथल से प्रभावित है। वैश्विक परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखकर नीतियां बनाने की जरूरत है।

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सकारात्मक प्रक्षेपण

चूंकि चीन 2014 से मध्यम आय के जाल में फंसा हुआ है, इसलिए भारत को सबसे तेजी से बढ़ती जी20 अर्थव्यवस्था बनने का अवसर मिल रहा है। भारत तेजी से विकास कर रहा है और विश्व आर्थिक व्यवस्था में ऊंचाइयों को बढ़ाने में योगदान करेगा। उदारीकरण से भारत के विकास में मदद मिली हैं। क्रय शक्ति समता (पीपीपी) के मामले में भारत दुनिया में तीसरे स्थान पर है और इस क्रम में ऊपर जाने के लिए तैयार है। आईएमएफ के अनुमान के आधार पर, भारत इस साल ब्रिटेन को पछाड़कर पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है। उम्मीद है कि 2027 में भारत जर्मनी को पछाड़कर चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और 2030 में भारत जापान को पछाड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। डिजिटल वित्तीय समावेशन महत्वपूर्ण है, मुद्रास्फीति का निम्न स्तर प्रमुख विकास चालकों में से एक है। भारत को अगले 10 वर्षों में निम्न-मध्यम आय वर्ग से कम से कम मध्यम-आय वर्ग में आना होगा।

केंद्र ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, डिजिटलीकरण और स्टार्टअप योजना, राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति, एक जिला एक उत्पाद पर ध्यान केंद्रित करके धन सृजन पर विचार कर रहा है। भारत डिजिटल पहल, न्च्प् सिस्टम और आपूर्ति श्रृंखला लचीलेपन के अलावा अन्य पर ध्यान केंद्रित करेगा। सरकार समावेशी विकास, री-स्किलिंग और अप-स्किलिंग, गुणवत्ता और मानकों और उभरते क्षेत्रों जैसे अल, जियो-स्पेस, ग्रीन एनर्जी आदि पर जोर दे रही है।

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