भारत में 1953 से 1985 तक संपदा शुल्क लगता था। इसकी दरें 85 फीसदी तक थीं, लेकिन हकीकत यह थी कि यह कर जमा ही नहीं होता था। इसकी राशि बहुत ही कम थी।

राजीव गांधी ने इसे समाप्त किया। संपत्ति या विरासत पर कर लगाने की व्यवस्था कई देशों में आज भी लागु है। औसतन 24 ओईसीडी देशों में यह कर राजस्व में 0.5 फीसदी की हिस्सेदारी रखता है। प्रशासन की दृष्टि से देखें तो इतने कम राजस्व के लिए कितनी जटिलताओं का सामना करना होता है।

संपत्ति कर के मामले में संभावनाएं और भी कमजोर हैं। भारत में इसकी शुरूआत 1957 में की गई थी। इससे 2012-13 में 800 करोड़ रूपये का राजस्व जुटाया गया। इसे 2015 में समाप्त कर दिया गया।

भारत में कर की दर यूं भी काफी ऊंचे स्तर पर है। देश में व्यक्तिगत आय कर की उच्चतम दर 42 फीसदी है। कॉर्पाेरेट आय कर 25 फीसदी और अधिकमत जीएसटी की दर 18 फीसदी है। आयात, गैर टैरिफ अवरोध आदि पर कर स्थिर गति से बढ़ रहा है। अगर 1991 के बाद के दौर से तुलना करें तो हमारे यहां आयात कर की दर काफी अधिक है। इससे अत्यधिक उच्च कर वाला माहौल तैयार होता है और कर अधिकारियों को मनमाना अधिकार प्रदान करता है। कर नीति में हमारी प्राथमिकता संपत्ति कर या विरासत की चुनौती से जुझने के बजाय कर नीति और कर प्रशासन के क्षेत्र में बेहतर काम की होनी चाहिए।

LM Engineering Machinery Co. P Ltd.

लोग प्रोत्साहन पर प्रतिक्रिया देते हैं। अधिक कर को लेकर पहली प्रतिक्रिया कम काम के रूप में सामने आती है। अगर विरासत और संपत्ति पर भी कर लगा दिया जाए तो लोग संपत्ति जुटाने में भी पीछे हटेंगे। यह देश के लिए नुकसानदायक होगा।

दूसरी प्रतिक्रिया है कुशल कर ढांचे में नई जान फूंकना। अपने अंतिम समय में वसीयत बनाने के बजाय लोग अपनी संपत्ति जिंदा रहते ही अपने लोगों को हस्तांरित कर देंगे। कई माता-पिता कर से बचने के लिए बच्चों को जल्दी संपत्ति देकर अधिकार खोने के बजाय अप्रत्याशित निधन के पहले के वर्षों में बार.बार वसीयत को बदलना पसंद कर सकते हैं।

भारत एक निम्न मध्य आय वाला देश है। हमारे सामने एक बड़ी चुनौती है और वह है अगामी 100 वर्षों तक वृद्धि को बरकरार रखना तथा विकासशील राज्य की क्षमता बनाए रखना। सन 1947 में गरीब रहे देशों में से केवल चार आज उन्नत अर्थव्यवस्था वाले देश बन सके हैं।

विकास की यात्रा एक कठिन यात्रा है जहां सफलता की कोई गारंटी नहीं। ऐसे में कर के एक नए स्वरूप को लेकर जंग छेड़ना निजी गतिशीलता पर बुरा असर डालेगा और राज्य की क्षमता को प्रभावित करेगा।


 👇 Please Note 👇

Thank you for reading our article!

If you don’t received industries updates, News & our daily articles

please Whatsapp your Wapp No. or V Card on 8278298592, your number will be added in our broadcasting list.


Natural Natural