पिछले साल भर में चीन में अनाज, कच्चे तेल, तांबा, कोबाल्ट और लोह अयस्क का आयात तेज रफ्तार से बढ़ रहा है। कहना गलत नहीं होगा कि आयात ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। एक अनुमान के अनुसार सभी प्रकार की कमोडिटी के आयात में करीब 16 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गयी। यह बढ़ोतरी अब भी जारी है।

तो सवाल यह उठता है कि आखिर चीन क्यों महंगे दाम पर चीजों को खरीद कर आयात कर रहा है। इसकी वजह क्या हैघ् एक्सपर्ट के मुताबिक आर्थिक मोर्चे पर कई तरह की चुनौतियों से दो चार हो रहे चीन में चीजों की खपत तो नहीं बढ़ी है। ऐसे में महंगी कमोडिटी को आयात कर भंडारण ही चीन का उद्देश्य हो सकता है।

चीन की सबसे बड़ी चिंता यह भी हो सकती है कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद अहम सप्लाई रूट बाधित हो सकती है। लेकिन यह चिंता क्या हैघ् जानकार इसे किसी युद्ध की तैयारी से जोड़ कर देख रहे हैं, या किसी संकट की संभावना से निपटने की कोशिश भर है। विशेषज्ञ इसकी वजह तलाशने की कोशिश में जुटे हैं।

हो सकता है कि चीन का ये डर सही भी हो। क्योंकि अब वह विदेशी संसाधनों पर काफी निर्भर है।

Pioneer Panel gif

हालांकि यहां कई धातुओं की रिफाइनिंग होती है। पर जरूरी कच्चे माल का बड़ा हिस्सा आयात होता हैं, जिसमें 70 प्रतिषत बॉक्साइट से लेकर 97 प्रतिशत कोबाल्ट शामिल है। उर्जा जरूरतों के लिए नेचुरल गैस का 40 प्रतिशत और कच्चे तेल का 70 प्रतिशत आयात करना पड़ता है।

वर्ष 2000 तक खाने का करीब-करीब पूरा सामान देश में ही पैदा होता था, जो आज दो-तिहाई से भी कम रह गया है। कॉफी, पाम ऑयल और कुछ डेयरी उत्पादों के लिए भी इसकी निर्भरता विदेशों पर है।

चीन के सैन्य विस्तार और ताइवान के साथ बढ़ते तनाव को देखते हुए, ‘‘जरूरत से ज्यादा‘‘ भंडारण खतरे की घंटी है। अमेरिका के रक्षा विभाग के विशलेषक कहते हैं, यह कमोडिटी के दाम बढ़ाकर महंगाई को बढ़ावा दे सकता है। इसके अलावा अमेरिका से खुद को दूर करने के लिए यह चीन की चाल हो सकती हैं। साल की शुरूआत में भारी मात्रा में सोना खरीदने के साथ इसने अमेरिकी सरकार के कर्ज की अपनी होल्डिंग्स बेचना शुरू की ताकि पश्चिम के साथ संघर्ष हो तो ‘‘डालर बैन‘‘ से बच सके।


 👇 Please Note 👇

Thank you for reading our article!

If you don’t received industries updates, News & our daily articles

please Whatsapp your Wapp No. or V Card on 8278298592, your number will be added in our broadcasting list.



Natural Natural
[/vc_column][/vc_row]