World’s Sentiment low due to Corona Spread in China
- दिसम्बर 21, 2022
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As cases rise amid a compounding Covid-19 crisis in China, industry and experts have said that India need to keep a close watch on the neighboring country not just from an epidemiological lens but also in view of raw material supplies from there.
In view of the decline in industrial production due to the spread of Covid infection, the shortage of all those items on which the world depends on China can be felt. Experts have cautioned that goods exported from China could also lead to an increase in infections.
Amid increasing cases of corona virus in China, Japan, America, the Center has asked all states and union territories to increase genome sequencing of samples for testing Kovid-19.
There is a growing global concern that the Covid-19 outbreak in China might spawn new mutation of the coronavirus. Estimated more than 60 per cent of China’s and 10 per cent of the world’s population were likely to be infected over the next 90 days, with deaths likely in the million.
Senior virologists of India say that the SARS-CoV-2 virus has been largely unpredictable, so it needs to be closely monitored. Although our population immunity level is high at the moment, and Omicron sub-variants are not deadly. But it’s time to wear masks wherever possible.
चीन में कोरोना में तेजी से दुनिया भर में चिंता
चीन में करोना महामारी फिर से पांव पसार रही है। अस्तपालों में भर्ती होने वाले संक्रमितों की तादाद तेजी से बढ़ रही और मौत के आंकड़ों में भी इजाफा हो रहा है। ऐसे में उद्योग और विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को न केवल महामारी के लिहाज से बल्कि चीन से आने वाले कच्चे माल की आपूर्ति पर भी कड़ी नजर रखने की जरूरत है।
कोविड के संक्रमण फैलने से औद्योगिक उत्पादन के गिरावट के मद्देनजर जिन वस्तुओं में दुनिया चीन पर निर्भर है, उन सभी वस्तुओं की कमी महसूस की जा सकती है। विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि चीन से निर्यात किए गए वस्तुओं से भी संक्रमण बढ़ सकता हैं।
चीन, जापान, अमेरिका में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने के बीच केंद्र ने सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों से कोविड-19 की जांच के नमूनों का जीनोम सीक्वेंसिंग बढ़ाने के लिए कहा है।
महामारी विज्ञानियों के अनुसार इस बात की चिंता है कि चीन में कोविड-19 का प्रसार वायरस के नए उत्परिवर्तन को जन्म दे सकता है। अगले 90 दिनों में चीन के 60 फीसदी से अधिक और दुनिया की 10 फीसदी आबादी के संक्रमित होने का अनुमान है और इससे लाखों लोगों की मौत होने की भी आशंका है।
भारत के वरिष्ठ विषाणु विज्ञानियों का कहना है कि सार्स-कोव-2 वायरस काफी हद तक अप्रत्याशित रहा है इसलिए इस पर पैनी नजर रखने की जरूरत है। हालांकि हमारी जनसंख्या का प्रतिरक्षा स्तर इस समय अधिक है और ओमीक्रोन के उप-स्वरूप घातक नहीं हैं। लेकिन जहां तक संभव हो मास्क पहनने का समय आ गया है।