WTO

Finance Minister Nirmala Sitharaman said that the World Trade Organization (WTO) did not listen to developing countries as compared to developed countries, be it the specific issue related to agricultural exports, or the issue of general trade.

Speaking at a seminar organized by the Asian Development Bank (ADB) in Seoul, South Korea, Sitharaman said the WTO needs to look at agricultural subsidies with an open mind as they affect food security.

Since the WTO’s inception, there have been complaints about exports of agricultural products and trade in general that the voices of the Global South and emerging market countries have not been heard on an equal footing with developed countries.

She said, “Subsidies are important for agriculture and poor farmers in developing countries. It was completely ignored and it was closed. Food and fertilizer security has become critical in view of the ongoing conflict between Russia Ukraine and Covid.

WTO needs to renegotiate food and fertilizer subsidies with an open mind. In the context of food security, Sitharaman raised concerns about the disparity in treatment of emerging markets as compared to developed countries.

According to him, the WTO trade agreements have become one-sided, for which a solution has to be found.



कृषि सब्सिडी पर डब्ल्यूटीओ फिर से विचार करे


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि विश्व व्यापार संगठन (WTO) में विकसित देशों की तुलना में विकासशील देशों की बात नहीं सुनी गई, चाहे वह कृषि निर्यात से जुड़ा विशेष मसला हो, या सामान्य व्यापार का मसला हो।

दक्षिण कोरिया के सियोल में एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) की ओर से आयोजित एक सेमीनार में सीतारमण ने कहा कि डब्ल्यूटीओ को खुले दिमाग से कृषि सब्सिडी पर विचार करने की जरूरत है, क्योंकि इससे खाद्य सुरक्षा प्रभावित होती है।

जबसे डब्ल्यूटीओ की स्थापना हुई है, कृषि उत्पादों के निर्यात और आम तौर पर व्यापार को लेकर शिकायत रही है कि ग्लोबल साउथ और उभरते बाजार वाले देशों की आवाज को विकसित देशों की बराबरी में नहीं सुना गया।

उन्होंने कहा, ‘विकासशील देशों में कृषि और गरीब किसानों के लिए सब्सिडी अहम है। उसका बिल्कुल ध्यान नहीं दिया गया और इसे बंद कर दिया गया। कोविड और रूस यूक्रेन के बीच चल रहे टकराव को देखते हुए खाद्य और उर्वरक सुरक्षा महत्त्वपूर्ण हो गई है।

डब्ल्यूटीओ को खुले दिमाग से खाद्य और उर्वरक सब्सिडी पर फिर से बात करनी होगी। ’खाद्य सुरक्षा के संदर्भ में, सीतारमण ने विकसित देशों की तुलना में उभरते बाजारों के साथ व्यवहार में असमानता को लेकर चिंता जताई।

उनके मुताबिक विश्व व्यापार संगठन के व्यापार समझौते एकतरफा हो गए हैं, जिसके लिए समाधान खोजना होगा।[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row]

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