कोविड-19 के बाद की दुनिया
- अप्रैल 23, 2020
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कोविड-19 के बाद की दुनिया
कोरोना वायरस ने न केवल आज का परिदृश्य बदल दिया है, बल्कि यह हमारे भविष्य की दिशा भी बदल देगा। हम जिस तरह से रहने के आदी थे, उसमें बहुत बड़ा परिवर्तन होने जा रहा है और शायद यह हमेशा के लिए हो। सामाजिक और आर्थिक रूप से कोविड-19 बड़ा ही समानतावादी है। यद्यपि, अमीर लोग खुद को विलासितापूर्ण आराम के साथ आइसोलेट कर सकते हैं, जबकि कम धन वालों को रोजाना ही आइसोलेशन व गरीबी से जूझना पड़ता है। भावनात्मक और मानसिक तौर पर इस वायरस ने दिखा दिया है कि कोई भी सुरक्षित नहीं है और इसमें हम सब साथ हैं। समाज में भी भारी बदलाव आया है और वह धन से अधिक जिंदगी को महत्व देने लगा है, वास्तव में वह देखभाल और संवेदनाओं को महत्व देने लगा है। फायनेंस, मार्केटिंग और विज्ञापन जैसे कम अनिवार्य व्यवसायों के प्रोफेशनल की जगह अब लोगों को डाॅक्टर, नर्स, डिलीवरी व सुपर मार्केट के कर्मचारी असली हीरो नजर आने लगे हैं। दुनियाभर में लोगों की जान बचाने वाले हेल्थकेयर कर्मचारियों के सम्मान में तालियां बजाना व उनका उत्साह बढ़ाना दिखाता है कि धन के आधिपत्य को चुनौती और जीवन के मूल्य को हर चीज से अधिक महत्व मिल रहा है।
मानव की तमाम कोशिशों के बावजूद प्रकृति हमेशा जीतती है। कोरोना वायरस ने यह दिखा दिया है। दुनियाभर में हवाई, सड़क, रेल व जल परिवहन के बंद होने से इसमें कमी आ रही है। वन्य जीवों ने शहरों, पानी व जंगलों पर अपना दावा करना शुरू कर दिया है।
कहावत है कि ‘जब आखिरी पेड़ कटा, आखिरी मछली पकड़ी और आखिरी नदी जहरीली हुई, केवल तब हमें अहसास हुआ कि हम धन को खा नहीं सकते’ और यह जितना सामयिक आज है, उतना पहले कभी नहीं था। इस वायरस का प्रकोप खत्म होने के बाद जब हम दोबारा दौड़ने लगेंगे, तो शायद हम सभी के पास कुछ मूल्यवान सबक जरूर हों। यह सबक होंगे कि हमें वास्तव में मूल्यवान होंगे। यह सबक होंगे कि हमें वास्तव में मूल्यवान होने और यह सीखने की जरूरत है कि अलग तरह से कैसे जीया जा सकता है।
इस महामारी के चारों ओर एक फैक्टर और उभरा है और वह है दुनिया की चीन पर निर्भरता। कभी खत्म न होने वाले लाभ की चाहत ने दुनिया की अर्थव्यवस्था को सस्ती कीमत पर सामान लेने के लिए चीन पर आश्रित कर दिया। इसका परिणाम वह हुआ कि हम अपने संसाधनों को किनारे करके पूरी तरह से उनकी फैक्टरियों, श्रमिकों और अर्थव्यवस्था पर निर्भर हो गए।