Harm from excessive consumption
- जनवरी 13, 2023
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UN Secretary-General Antonio Guterres said that over-consumption has caused a triple emergency of climate change, biodiversity loss and pollution on Earth. He also appealed for judicious use of the earth’s resources. On the inauguration of Mission ‘LIFE’ Guterres with Prime Minister Narendra Modi regretted the dominance of ‘GRID’ (greed) over ‘Need’ (need) and urged people to adopt a sustainable way of living. He said, ‘In this crisis situation, we need to make united efforts to solve it. There is no greater challenge than climate change. Climate change, biodiversity loss and pollution emergencies have tripled as a result of excessive consumption.
Quoting Mahatma Gandhi, Guterres said, “The world has enough for everyone’s needs, but not enough for everyone’s greed. Unfortunately, in recent times, greed has prevailed over need and we need to reverse this.” There is a need.’ He said, ‘Each one of us has to learn to live sustainably and reduce the burden on the environment.’ He expressed hope that the ‘LIFE’ movement initiative would spread across the world.
“I am very encouraged by India’s commitment to advancing environmentally sound policies and increasing investment in renewable energy while supporting the International Solar Alliance,” he said. We need to bring about a renewable revolution and I look forward to working with India to advance this agenda.’
Guterres noted that with its vulnerability to climate impacts and its large economy, India can play an important bridging role. He said, ‘We should use the earth’s resources judiciously, and have a sense of respect for it, so that people can use the earth’s resources properly and take only what they need.’
अत्यधिक खपत से नुकसान
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि आवश्यकता से अधिक खपत से धरती पर जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता के नुकसान और प्रदूषण की तिगुनी आपात स्थिति पैदा हो गई है। उन्होंने धरती के संसाधनों के विवेकपूर्ण इस्तेमाल की भी अपील की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिशन ‘लाइफ‘ को शुरू करने वाले गुटेरेस ने मौजूदा समय में ‘नीड‘ (जरूरत) पर ‘ग्रीड‘ (लालच) के हावी होने को लेकर खेद जताते हुए लोगों से जीवन जीने का एक दीर्घकालिन तरीका अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘इस संकट की स्थिति में, हमें इसके समाधान के लिए एकजुट प्रयास करने की जरूरत है। जलवायु परिवर्तन से बड़ी कोई चुनौती नहीं है। अत्यधिक खपत के परिणामस्वरूप जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता हानि और प्रदूषण की आपात स्थिति तिगुनी हो गयी है।‘
महात्मा गांधी को उद्धृत करते हुए गुटेरेस ने कहा, ‘दुनिया सभी की जरूरतों के लिए पर्याप्त है, लेकिन हर किसी के लालच की पूर्ति के लिए नहीं दुर्भाग्य से हाल के दिनों में, लालच जरूरत पर हावी हो गया है और हमे इसे पलटने की जरूरत है।‘ उन्होंने कहा, ‘हममें से प्रत्येक को सतत रूप से जीना सीखना होगा और पर्यावरण पर बोझ कम करना होगा।‘ उन्होनें ‘लाइफ‘ आंदोलन की पहल पूरी दुनिया में फैलने को लेकर उम्मीद जताई।
उन्होनें कहा, ‘मैं पर्यावरण की दृष्टि से अच्छी नीतियों को आगे बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन का समर्थन करते हुए अक्षय ऊर्जा में निवेश बढ़ाने की भारत की प्रतिद्धता से बहुत उत्साहित हूं। हमें अक्षय क्रांति लाने की जरूरत है और इस एजेंडे को आगे बढ़ाने में मैं भारत के साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं।”
गुटेरेस ने उल्लेख किया कि जलवायु प्रभावों और इसकी विशाल अर्थव्यवस्था के प्र्रति अपनी संवेदनशीलता के साथ, भारत एक महत्वपूर्ण सेतु की भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा, ‘हमें पृथ्वी के संसाधनों का विवेकपूर्ण इस्तेमाल करना चाहिए, और इसके प्रति सम्मान का भाव रखना चाहिए, ताकि लोग पृथ्वी के संसाधनों का समुचित इस्तेमाल कर सकें और केवल उतना ही ले जितना उन्हें जरूरत है।”