Electricity cheaper during the day and expensive at night

In India, using electricity during the daytime will result in lower bills, while using electricity at night will lead to higher bills. The government is planning to reduce electricity rates during the day to encourage the use of renewable energy and increase rates during the night. Initially, this system will be implemented for commercial and industrial consumers and extended to other consumer categories, after one year excluding the agricultural sector.

Under the new electricity regulations, there will be a 20% reduction in electricity rates during solar hours (defined by the state electricity regulatory commission as eight hours) compared to normal rates, while during peak electricity usage hours, the rates will be 20% higher.
This arrangement is expected to reduce the demand for electricity from the grid during peak hours, especially when air conditioning (AC) is used in most Indian households.

This change will be implemented for commercial and industrial consumers from April 2024 and extended to other consumers, excluding the agricultural sector, after a year. The Ministry of Power stated in a statement, “The government has made two changes in the existing electricity tariff system in the Electricity (Consumer Rights) Rules, 2020. These changes are related to the start of the Time of Day (ToD) tariff system and making provisions related to smart meters more rational.”

Under this system, instead of charging a flat rate for electricity throughout the day, the price paid by consumers for electricity will vary according to different times of the day. During solar hours, the rate will be lower by 10% to 20% compared to the regular rate, while during peak electricity usage; it will be higher by 10% to 20%.


दिन में सस्ती और रात में महंगी बिजली


भारत में दिन के समय बिजली की खपत करने पर कम बिल आएगा और रात में बिजली का उपयोग करने पर ज्यादा बिल आएगा। सरकार अक्षय ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए दिन के समय बिजली की शुल्क दरों में कटौती करने जा रही है और रात के समय शुल्क ज्यादा वसूला जाएगा। शुरूआत में यह वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं पर लागू होगा और एक साल बाद कृषि क्षेत्र को छोड़कर अन्य उपभोक्ता वर्ग को भी इसके दायरे में लाया जाएगा।

बिजली मंत्रालय ने कहा है कि नए बिजली नियम के तहत दिन (SERC द्वारा जिसे 8 घंटे का बताया गया है) में बिजली की दरों में 20 प्रतिशत की कमी और रात में ज्यादा मांग के दौरान 20 प्रतिशत तक वृद्धि करने की अनुमति मिल सकेगी। इस कदम का मकसद अक्षय ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ाना है।

इस व्यवस्था से ज्यादा मांग के वक्त ग्रिड से बिजली की मांग घटने की उम्मीद है, जब तमाम भारतीय परिवारों में सोने के वक्त एयरकंडिशनिंग (एसी) का इस्तेमाल होता है।

वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं पर यह अप्रैल 2024 से प्रभावी होगा और एक साल बाद कृषि क्षेत्र को छोड़कर अन्य उपभोक्ताओं पर भी लागू हो जाएगा। बिजली मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘सरकार ने बिजली (उपभोक्ता अधिकार) नियम, 2020 में संशोधन कर मौजूदा बिजली शुल्क प्रणाली में 2 बदलाव किए है। ये बदलाव दिन के समय (टीओडी) शुल्क प्रणाली की शुरूआत और स्मार्ट मीटर से जुड़े प्रावधानों को युक्तिसंगत बनाने से संबंधित हैं।

इसके मुताबिक, दिन भर एक ही दर पर बिजली के लिए शुल्क लेने के बजाय उपयोगकर्ता द्वारा बिजली के लिए भुगतान की जाने वाली कीमत दिन के अलग-अलग समय के हिसाब से अलग-अलग होगी। नई शुल्क प्रणाली के अंतर्गत सौर घंटों में बिजली की दर (राज्य बिजली नियामक आयोग द्वारा आठ घंटे तय की गई) सामान्य दर से 10 से 20 प्रतिशत तक कम होगी, जबकि बिजली के सर्वाधिक उपयोग के समय से यह 10 से 20 प्रतिशत ज्यादा होगी।