Gati shakti plan for infra connectivity
- नवम्बर 7, 2021
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Prime minister (PM) Narendra Modi launched the Rs. 100-trillion Gati Shakti or the national master plan for multimodal connectivity to expedite infrastructure (infra) project implementation, thereby accelerating economic growth.
The PM Gati Shakti National Master Plan will provide accurate information and guidance for the completion of the government’s projects with in a stipulated time frame, making policy making effective and eliminate unnecessary government expenditure, said Modi.
Gati Shakti, spearheaded by the Department for Promotion of Industry and internal Trade, is a digital platform bringing 16 ministries, including rail and roadways, together for integrated planning and coordinated implementation of infra connectivity projects. Until now, infrastructural development in various sectors was not working concurrently, thereby hurting decision-making and the pace of economic development.
With the launch of the master plan, planning and designing separately and executed with a common vision, breaking inter-ministerial silos.
“Those who are our private players do not know whether the road is going to pass through here, or a canal is going to be built there, or a power station will come up somewhere. The solution to all these problems lies in gati shakti,” said Modi.
The master Plan has been prepared depiction economic zones and infra linkages required to support them with the objective to holistically integrate all multimodal connectivity projects and remove missing gaps for seamless movement of people, goods, and services. The comprehensive map provides a bird’s eye view of infra development with key layers, based on completion timelines of various economic zones, infra, and utilities across the country.
A senior government official said the master plan aims to achieve a network of 2oo, ooo km national highways, increase cargo capacity of ports to augment power transmission capacity, as well as enhance renewable energy capacity. It aims to set up mega food parks, agro-processing centers, defense corridors, electronics manufacturing and textile clusters, and pharmaceutical and medical devices clusters.
गति शक्ति परियोजना से बेहतर नितियां बनेंगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मे गति शक्ति या मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की है ताकि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आए और आर्थिक वृद्धि की रफ्तार बढ़े।
मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी में मास्टर प्लान की शुरुआत के मौके पर कहा कि गति शक्ति राष्ट्रीय योजना से निर्धारित समयावधि में सरकारी परियोजनाओं के पूरे होने की सटीक जानकारी मिलेगी। इससे नीति निर्माण प्रभावी बनेगा और सरकार के अनावश्यक खर्च में कमी आएगी।
गति शक्ति उद्दयोग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) की अगुआई वाला डिजिटल प्लेटफॉर्म है। यह बुनियादी ढांचा संपर्क परियोजनाओं की एकीकृत योजना बनाने एवं समन्वित क्रियान्वयन करने के लिए रेल एवं सड़क समेत 16 मंत्रालयों को जोड़ेगा।
अब तक विभिन्न क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास में एक-दूसरे से कोई तालमेल नहीं था, जिससे फैसले लेने और आर्थिक विकास की रिफ्तार पर असर पड़ रहा था। यह मास्टर योजना शुरू होने से परियोजनाओं की योजना एवं डिजाइन अलग-अलग बनेंगी मगर उन्हें एक साझा नजरिये स क्रियान्वित किया जाएगा। इस तरह अलग-अलग मंत्रालयों के बीच की खाई पट जाएगी।
मोदी ने कहा, हमारे निजी क्षेत्र के उद्दयमियों को भी ठीक से नहीं पता होगा कि सड़क यहां से गुजरेगी या नहर इधर से बनने जा रही है या यहां बिजली संयंत्र लगने जा रहा है। इस वजह से वे किसी भी क्षेत्र को लेकर योजना नहीं बना पाते हैं। इन सब समस्याओं का समाधान प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर योजना से हो जाएगा।
यह मास्टर योजना आर्थिक जोन और उनकी मदद के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा संपर्क के आधार पर बनाई गई है। इसका मकसद सभी मल्टी मोडल संपर्क परियोजनाओं को जोड़ना और लोगों, माल एवं सेवाओं के सुगम आवागमन के लिए टूटे संपर्क को जोड़ना है। यह व्यापक खाका बुनियादी ढांचे के विकास की समग्र तस्वीर और देश भर में विभिन्न आर्थिक जोनों, बुनियादी ढांचे और यूटिलिटीज के पूरे होने की समयसीमा के आधार पर अहम ब्योरे पेश करता है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि मास्टर प्लान का उद्देश्य 200,000 किमी राष्ट्रीय राजमार्गों के नेटवर्क को प्राप्त करना, बिजली पारेषण क्षमता बढ़ाने के लिए बंदरगाहों की कार्गो क्षमता में वृद्धि, साथ ही नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को बढ़ाना है। इसका उद्देश्य मेगा फूड पार्क, एग्रो-प्रोसेसिंग सेंटर, डिफेंस कॉरिडोर, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग और टेक्सटाइल क्लस्टर और फार्मास्युटिकल और मेडिकल डिवाइस क्लस्टर स्थापित करना है।