India Australia FTA will boost furniture export

The Australian Parliament on Monday ratified the Economic Cooperation and Trade Agreement (ECTA) with India, Paving the way for implementing the deal as early as January 1, 2023.

“There is good chance that the deal will be implemented starting January 1, 2023, though the Christmas Holidays are coming.” The Deal will now need approval from the Australian Cabinet and the President of India. The ECTA will enter into force 30 days after an exchange of written notifications on the completion of domestic processes.

The Australian Parliament also amended the double tax avoidance agreement (DTAA) with India to stop taxing the offshore income of Indian information technology companies operating in Australia. This will resolve a long Pending issue and lead to saving of more than $200 million for IT companies per year.

Under the deal, Australia has agreed to eliminate customs duty immediately on 98.3 per cent of the traded goods and on 100 per cent tariff lines over a period of five years. India, on the other hand, India will do away with Customs duties on 40 per cent of products immediately and on 70.3 per cent of tariff lines over a period of 10 years.

Major labour-intensive sectors in India that will benefit from the elimination of 5 per cent Customs duty at present include textiles and apparel, agricultural products, leather, jewellery, and pharmaceuticals, along with furniture. It will enhance the scope of furniture export from India.

Australia has done this for any country. It reflects the confidence and trust between the two countries.

India had a trade deficit of $8.5 billion with Australia in FY2022, with $8.3 billion worth of exports and $16.8 billion worth of imports. Total bilateral trade is expected to cross $45-50 billion in five years from $25 billion at present after the trade deal comes into force.


ऑस्टेलियाई संसद ने भारत के साथ आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (ईसीटीए) को मंजूरी दे दी है। इससे इस व्यापार समझौते के 1 जनवरी, 2023 से लागू होने का रास्ता साफ हो गया है।

‘पूरी संभावना है कि क्रिसमस की छुट्टियों के बावजूद यह समझौता 1 जनवरी, 2023 से लागू हो जाएगा।‘ अब इस समझौते पर ऑस्टेªलिया की कैबिनेट से और भारत में राष्टपति से मंजूरी की जरूरत होगी। घरेलू स्तर पर प्रक्रिया पूरी होने पर लिखित में अधिसूचनाओं के आदान-प्रदान के 30 दिन बाद ईसीटीए प्रभावी हो जाएगा।

ईसीटीए के साथ ही ऑस्ट्रेलियाई संसद ने भारत के साथ दोहरा कराधान निषेद समझौते (डीटीएए) में भी संशोधन को मंजूरी दी है। इसका मकसद ऑस्टेªलिया में परिचालन करने वाली भारत की सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों की विदेशी आय पर कर लगाने से रोकना है। यह एक लंबे समय से लंबित मुद्दे को हल करेगा और प्रति वर्ष आईटी कंपनियों के लिए 200 मिलियन डॉलर से अधिक की बचत करेगा।

इस समझौते के तहत ऑस्टेªलिया ने 98.3 फीसदी व्यापारिक वस्तुओं पर सीमा शुल्क तत्काल खत्म करने और 5 साल में 100 फीसदी वस्तुओं पर शुल्क हटाने पर भी सहमत हो गया है। दूसरी ओर भारत 40 फीसदी उत्पादों पर तत्काल सीमा शुल्क हटाएगा और अगले 10 साल में 70.3 फीसदी वस्तुओं पर शुल्क खत्म करेगा।

वर्तमान में कपड़ा एवं परिधान, कृषि उत्पादों, चमड़ा, आभूषण और दवाओं के अतिरिकत्त फर्नीचर पर भी 5 फीसदी सीमा शुल्क लगता है लेकिन इस करार के बाद शुल्क खत्म होने के बाद भारत के श्रम आधारित क्षेत्रों को लाभ मिलेगा। जिससे फर्नीचर निर्यात की संभावना बढ़ जाएगी।

ऑस्ट्रेलिया ने किसी भी देश के लिए ऐसा किया है। यह दोनों के बीच भरोसा और विश्वास को दर्शाता है।

2022 में भारत का ऑस्ट्रेलिया के साथ 8.5 बिलियन डॉलर का व्यापार घाटा था, जिसमें 8.3 बिलियन डॉलर का निर्यात और 16.8 बिलियन डॉलर का आयात था। व्यापार समझौते के लागू होने के बाद वर्तमान में 25 अरब डॉलर से कुल द्विपक्षीय व्यापार पांच साल में 45-50 अरब डॉलर को पार करने की उम्मीद है।