पंजाब में जीएसटी बिलों में जो गड़बड़ी जांच में पकड़ी गई है इससे फर्जी बिल काटने वालों में खलबली मच गई है। सरकार ने अपनी प्रत्येक खरीद पर बिल मांगने के लिए, उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए एक योजना शुरू की हुई है। यह ‘‘बिल लाओ इनाम पाओ‘‘ योजना है। सरकार द्वारा जारी एक ऐप पर उपभोक्ता अपना बिल अपलोड करते हैं। बाद में इस पर लॉटरी के माध्यम से इनाम निकला जाता है।

पंजाब में पोर्टल पर उपभोक्ताओं ने करीब 60 हजार बिल अपलोड किए। इसमें करीब सात हजार बिल फर्जी मिले। उन फर्मों के खिलाफ सरकार ने कार्यवाही करते हुए 2.11 करोड़ रुपए जुर्माने के तौर पर वसूले हैं। जांच में 118 ऐसी फर्मों की पहचान की गई, जो पंजीकृत ही नहीं है।

इस तरह के गलत बिल बनाने वालों से प्लाइवुड इंडस्ट्री भी परेशान है।फर्जी या बिना बिलिंग, दोनों ही, प्लाइवुड इंडस्ट्री के लिए भी बड़ी समस्या बनी हुई है। इससे जहां सरकार के रेवेन्यू को नुकसान हो रहा है, वहीं उद्योगपतियों को भी खासी दिक्कत आ रही है। क्योंकि इस तरह के फर्जी या कम बिलिंग करने वाले प्लाइवुड बाजार को सुरक्षित और सुदृढ़ औपचारिक बनने में बाधक बन रहे हैं। इससे उन उद्योगपतियों को अपनी बिक्री और आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है, जो सही बिलिंग पर काम करते हैं।

फर्जी बिल पर प्लाइवुड सप्लाई करने वाले, क्योंकि जीएसटी की चोरी करते हैं, इस तरह से उनकी लागत कम हो जाती है। इस वजह से वह सस्ती दरों पर माल बाजार में बेचने में सक्षम होते हैं। जो इस इंडस्ट्री के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है।

प्लाईवुड निर्माताओं की मांग है कि इस तरह की कार्यवाही सभी राज्यों में पुरजोर तरीके से होनी चाहिए। और जीएसटी चोरी करने वालों को पहचान कर, उनके खिलाफ उचित कार्यवाही हो। इससे जहां सरकार का रेवेन्यू बढे़गा, उसके साथ ही उद्योग के भी औपचारिक बनने की राह प्रशस्त होगी।

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