Lawyers will provide information on suspicious transactions
- अगस्त 8, 2023
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The Indian government is planning to require lawyers to maintain records of all financial transactions of their clients and share information with authorities in case of any suspicious activities. Authorities believe that this plan will help identify suspicious transactions related to shell companies and money laundering.
Some lawyers have criticized this proposal, saying that it will have a negative impact on the privacy of clients. They also mentioned that it would require amendments to the law to implement this.
Under the Prevention of Money Laundering Act (PMLA), jewelry traders, real estate agents, chartered accountants, and company service providers have already been made reporting entities, and further lawyers will be brought under the purview of the financial law.
In the month of May, the government made it mandatory for chartered accountants and individuals representing companies to maintain records of all financial transactions of their clients, expanding the scope of the Prevention of Money Laundering Act (PMLA).
वकील देंगे संदिग्ध लेन-देन की सूचना
भारत सरकार वकीलों से अपने ग्राहकों के सभी लेन-देन का रिकार्ड रखने और कोई संदिग्ध गतिविधि होने पर प्राधिकारियों से जानकारी साझा करने को कहने की योजना बना रही है। प्राधिकारियों का मानना है कि इस योजना से शेल कंपनियों और धन शोधन से जुड़े संदिग्ध लेन-देन की पहचान करने में मदद मिलेगी।
कुछ वकीलों ने इस प्रस्ताव की आलोचना करते हुए कहा है कि इससे ग्राहकों की निजता पर बुरा असर पड़ेगा। उन्हेंने यह भी कहा कि ऐसा करने के लिए कानून में संशोधन करने की जरूरत होगी।
आभूषण कारोबारियों, रियल स्टेट एजेंटों, चार्टर्ड अकाउंटेंटों और कंपनी सेवा प्रदाताओं को पीएमएलए के तहत रिपोर्टिंग इकाई बनाया गया है, वकीलों को भी आगे धनशोधन कानून के तहत लाया जाएगा।
मई महीने में सरकार ने धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) को व्यापक बनाते हुए चार्टर्ड अकाउंटेंटों और कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले व्यक्तियों को अपने ग्राहकों के सभी लेन-देन का रिकॉर्ड रखना जरूरी कर दिया था।