Markets are once again bustling with activity after the announcement of India-Pakistan ceasefire

दस मई को आखिरकार भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम हो गया। शाम पांच बजे जैसे ही इसकी घोषणा हुई तो हर किसी ने शांति की सांस ली। लकड़ी कारोबारियों व प्लाईवुड उद्योग ने भी इसकी जम कर सराहना की।

इस संघर्ष का सबसे ज्यादा असर पंजाब के सीमावर्ती जिलों में पड़ रहा था। इसके साथ ही हरियाणा के अंबाला, यमुनानगर, सिरसा में भी रात में ब्लैक आउट हो जाता था। अब युद्ध विराम होने से हालात सामान्य होते ही बाजारों में चहल पहल हो रही है।

वुट टेक्नोलाजिस्ट एसोसिएशन के सरंक्षक सुभाष जौली ने कहा कि पाकिस्तान को उसके किए का सबक मिल गया है। भारत एक शांतिप्रिय देश है। जो तेजी से आर्थिक विकास की ओर अग्रसर है।

जिस तरह से कई दिनों से देश में हालात बन रहे थें, इससे देश का बाजार भी परेशान था। अब क्योंकि संघर्ष विराम हो गया है, इससे निश्चित ही बाजार में उठान होगा। एक बार फिर से कस्टमर बाजार की ओर लौटेगा।

ऑल इंडिया प्लाईवुड मैन्यू एसो के चेयरमेन नरेश तिवारी ने कहा कि लकड़ी उद्योग व प्लाईवुड उद्योग इस वक्त परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। अनिवार्य बीआईएस लागू हो गया है। ऐसे में प्लाईवुड उद्योग को और तेजी से विकसित होने के लिए शांत माहौल चाहिए। इस तरह से देखा जाए तो प्लाईवुड उद्योग के लिए यह संघर्ष विराम एक सुखद संदेश है।

पंजाब प्लाईवुड एसोसिएशन के प्रधान इंद्रजीत सिंह सोहेल ने कहा कि भारत पाक संघर्ष की वजह से अमृतसर, पठानकोट, जालंधर, लुधियाना समेत कई सीमावर्ती इलाकों में बाजार बंद थे।

बाजारों में लोगों की आवाजही न के बराबर थी। पाकिस्तान की ओर से ज्यादा हमले में पठानकोट, अमृतसर व फिरोजपुर में हो रहे थे। इस वजह से सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों खासे परेशान थे। यहां की आर्थिक गतिविधियां बंद हो गई थी। लोगों का ध्यान अपनी अपनी सुरक्षा पर ज्यादा हो गया था। यह स्वाभाविक भी है। क्योंकि सबसे पहले तो अपनी व परिवार की सुरक्षा होनी चाहिये।

लेकिन अब संघर्ष विराम होने से इन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां भी तेज होगी।

नरेश तिवारी ने बताया कि पंजाब में कई जगह प्रवासी लेबर भी अपनी अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित थी। बहुत से मजदूर वापस भी जाने लगे थे। इसका असर प्लाईवुड उद्योग समेत भी उद्योगों व कृषि क्षेत्र पर भी पड़ सकता था। लेकिन अब स्थिति सामान्य होेने की वजह से यह लोग भी अपने कार्य क्षेत्र में रुक जाएंगे।

प्लाईवुड उद्योपति अशोक कुमार ताजपुरिया ने उम्मीद जतायी कि अब स्थिति जल्दी ही सामान्य होगी। उन्होंने कहा कि इस तरह के संघर्ष का खासा असर आर्थिक गतिविधियों खासतौर पर उद्योग पर पड़ता है। क्योंकि यह गतिरोध जल्द ही समाप्त हो गया, इसलिए अब उम्मीद की जानी चाहिए कि आर्थिक गतिविधियां तेजी से पटरी पर लौट आएंगी।

हरियाणा प्लाईवुड मैन्यू एसो के प्रद्यान, जेेके बिहानी ने कहा कि यह अच्छी बात है कि दोनों देश संघर्ष विराम पर राजी हो गए हैं। उन्होंने बताया कि भारत तेजी से तरक्की करता हुआ देश है,हमारा उद्योग लगातार विकास कर रहा है।

इस तरह की परिस्थितियों से औद्योगिक गतिविधियां या तो ठप पड़ जाती है या फिर धीमी हो जाती है।

इस वजह से जो ग्रोथ चल रही होती है, उस पर इसका विपरीत असर पड़ता है।

उद्योग के लिए हालात सामान्य व शांतिपूर्ण होना बहुत ही जरूरी है। उम्मीद है, अब सब कुछ शांत हो जाएगा। जिससे बाजार में फिर से स्थिति सामान्य हो जाएगी।