No Automatic reversal of ITC

कोलकाता हाईकोर्ट का निर्माणः आपूर्तक के द्वारा कर के अदा नहीं करने पर नकार नहीं सकते हैं

एक महत्वपूर्ण फैसले में, कोलकाता हाईकोर्ट ने निर्णय दिया है कि जीएसटी के तहत आईटीसी को जीएसटीआर-2ए और जीएसटीआर-3बी में मिलान में कोई असंगति पाए जाने पर आपूर्तक की जांच किए बिना ITC को स्वचालित रूप से नकार नहीं सकते। यह निर्णय आपूर्तक द्वारा कर चुकाने या जानकारी देने की असमर्थता के कारण खरीदार कंपनियों की मांग नोटिसों को राहत प्रदान करता है।

‘‘विक्रेता द्वारा कर के अदा नहीं करने पर खरीदार के आईटीसी से स्वचालित रूप से कोई आवर्तन नहीं होगा... विक्रेता द्वारा कर अदायगी ना कर पाने की स्थिति में, वसूली विक्रेता से की जाए,‘‘ कोलकाता हाईकोर्ट ने 2 अगस्त, 2023 के एक निर्णय में कहा।

कोलकाता हाईकोर्ट चीफ जस्टिस टी एस सिवग्नानम और न्यायमूर्ति हिरणमय भट्टाचार्य द्वारा यह निर्णय दिया गया।

हालांकि कोर्ट ने कहा कि राजस्व अधिकारी GST-ITC का आवर्तन खरीदार से भी प्राप्त कर सकते हैं, ‘‘विशेष परिस्थितियों में जैसे विक्रेता का गायब होना, काम बन्द कर देना या विक्रेता के पास पर्याप्त संपति का न होना।‘‘

उच्च न्यायालय ने कहा है कि आपूर्तक की उचित जांच के बिना या आपूर्तक से कर की अदायगी की कोशिश किए बिना, खरीदार कंपनियों को मांग नोटिस जारी नहीं किया जा सकता है, जिन्होंने कानून का पालन किया है।

इससे पहले पंजाब एएआर ने एक करदाता को उसके आपूर्तक द्वारा कर न चुकाने के कारण आईटीसी देने से इनकार कर दिया था। जबकि खरीदार करदाता ने यह दावा किया था कि उसके पास आपूर्तक द्वारा कर देयता पालन के सुनिश्चित करने के लिए कोई तंत्र उपलब्ध नहीं है, प्राधिकरण ने सीजीएसटी अधिनियम की धारा 16(2)(सी) का सख्त व्याख्यान करके आईटीसी को इनकार कर दिया था।