Term insurance premiums set to surge
- अक्टूबर 1, 2021
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Term insurance policy premiums are set to rise by 25 to 30 per cent with Munich Re, the largest reinsurer for the Indian insurance market, increasing its rates for underwriting portfolios of pure protection plans by up to 40 per cent. The new rates will come into effect from December.
This is the second time reinsurance rates have been hiked in 2021. In March, the rates were raised by 4-5 per cent. In June last year, there was a steep hike of 20-25 per cent.
Munich Re has been studying the long-term mortality trends for the past few years. Apart from increasing reinsurance rates, the German multinational rates, the German multinational insurance company has also tightened underwriting standards.
Insurance industry insiders said experience from term policies that were sold in the past without proper medical check-up had not been satisfactory.
In addition, there was a rise in mortality rates due to the Covid-19 pandemic, particularly after the second wave. The increase in reinsurance rates will be passed on to customers. The extent of premium hike will, however, vary from one insurer to another.
“Most insurance companies will have to pass on the rate hike. They will not be able to absorb a rate hike of 30-40 per cent. Some insurers may postpone it for a few months, but it will always come to customers, sooner or later”,
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टर्म बीमा प्रीमियम होगा महंगा
भारतीय बीमा बाजार के लिए सबसे बड़ी पुनर्बीमा कंपनी म्यूनिख री ने शुद्ध सुरक्षा कवर के पोर्टफोलियो के लिए अंडरराइटिंग दरें 40 फीसदी तक बढ़ा दी है। इसकी वजह से टर्म बीमा प्रीमियम 25 से 30 फीसदी तक बढ़ सकता है। नई दरें दिसंबर से लागू होंगी।
इस साल दुसरी बार पुनर्बीमा दरें बढ़ाई गई हैं। मार्च में दरें 4 से 5 फीसदी बढ़ाई गई थीं। पिछले साल जून 20 से 25 फीसदी की भारी बढ़ोतरी की गई थी। म्यूनिख री पिछले कुछ वर्षो से लंबी अवधि के मृत्यु दर के रुझानों का अध्ययन कर रही है। इसने पुनर्बीमा दरें बढ़ाने के अलावा अंडरराइटिंग के मानक भी कड़े किए हैं।
बीमा उद्दयोग के अधिकारियों ने कहा कि बीते वर्षो में बिना उचित चिकित्सा जांच के बेची गई टर्म पॉलिसी का अनुभव संतोषजनक नहीं रहा है। इसके अलावा कोविड-19 महामारी के कारण और विशेष रूप से दूसरी लहर के बाद मृत्यु दर में बढ़ोतरी हुई है।
पुनर्बीमा दरों में बढ़ोतरी का बोझ ग्राहकों पर डाला जाएगा, जिन्हें अब ज्यादा प्रीमियम चुकाना होगा। हालांकि प्रीमियम में बढ़ोतरी हर कंपनी में अलग-अलग रहेगी। ज्यादातर कंपनियों को दर में बढ़ोतरी का बोझ ग्राहकों पर डालना पडेगा। वे खुद 30 से 40 फीसदी बढ़ोतरी का भार वहन नहीं कर पाएंगी। कुछ कंपनियां इसे कुछ महीने टाल सकती हैं मगर आखिर में इसका भार ग्राहकों पर आना तय है।