कोरोना वायरस
- अप्रैल 7, 2020
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कोरोना वायरस
दुनिया में कोरोना वायरस महामारी एक विकराल रूप ले रही है और यह संकट मानवता के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती के रूप में उभर कर सामने आया है। सामाजिक दूरी ही इस त्रासदी का एकमात्र उपाय है।
कोरोना वायरस महामारी से निपटने में सक्षम हो और इसके गंभीर परिणाम भुगतने न पड़े इस सोच के साथ, हमारे देश के प्रधानमंत्री ने 130 करोड़ से अधिक जनसंख्या वाले देश में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा करने का साहसिक और अभुतपूर्व कदम उठाया। इस प्रकार के निर्णय के लिए लोहे का ह्रदय चाहिए।
लोकडाउन, सामाजिक दूरी बनाने में मददगार साबित होगा और यह कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने में सहायक होगा, इस उद्देश्य से इसे लेकर आना हमारे प्रधानमंत्री की एक दूरदर्शी सोच को सामने रखता है।
यह जानते हुए भी कि, यह निर्णय सभी व्यापार को रोक देगा, कर संग्रह को कम करेगा, सामाजिक परियोजनाओं पर खर्च बढ़ाएगा,अनुत्पादक खर्च बढ़ाएगा, बेरोजगारी बढ़ायेगा, मंदी लाएगा लेकिन इस देश के लोगों के बहुमूल्य जीवन को बचायेगा।
एक अर्थव्यवस्था का पुनर्निर्माण किया जा सकता है, व्यापार को सुधारा जा सकता है, करों की वसूली जा सकती है, बुनियादी ढांचे के विकास में देरी हो सकती है लेकिन खोए हुए जीवन को कभी वापस नहीं लाया जा सकता है।
जिस तरह से USA, ITALY, SPAIN, UK इत्यादि संपन्न देश हर दिन COVID-19 के प्रसार से तबाह हो रहे हैं, हर भारतीय को इस वास्तविकता को समझने की जरूरत है और यह आंखें खोलने वाला वक्त है।
इसलिए धैर्य बनाए रखें और COVID-19 के प्रसार से लड़ने के लिए 21 दिनों के लॉकडाउन के निर्णय के पीछे की गहन विचार प्रक्रिया को समझें।
आपका धैर्य और संकल्प ही इस मुश्किल घड़ी में आपको तथा देश को बचाने में सहायक होगा।