The Centre is looking to allocate an additional 28,000 crore for the flagship rural housing  programme, Pradhan Mantri Awas Yojana-Gramin (PMAY-G), this year to ensure completion of the targeted dwellings before the next general election in 2024.

According to sources, of the 29.5 million rural houses scheduled to be completed by March 2024, around 20.6 million have already been constructed; the remaining 8.9 million houses will be completed in the coming months,

In FY2023, the government has targeted to complete around 5.3 million rural houses. In FY2022, the official data shows, the Centre targeted to build around 6.1 million rural houses, of which over 4.3 million got completed within that financial year.

Training of rural masons, development of locally appropriate house design typologies, and dedicated structure for monitoring at various levels led to quality and timely completion of houses.

Under the rural housing programme, financial assistance of 1.20 lakh in plains is proved to each identified beneficiary; a sum of 1.30 lakh is provided if the beneficiary is from a hilly state.

According to the scheme’s guidelines, the financial burden of the implementation is shared at a ratio of 60:40 in the plains, and 90:10 in hilly and special category states.

The Centre is implementing the PMAY-G from April 1, 2016, to realize Prime Minister Narendra Modi’s vision of ‘Housing for All’ by 2022. Under this, 10 million pucca houses were to be constructed in rural areas by March 2019.


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पेनल उद्योग में मांग बढ़ेगीः ग्रामीण आवासों को रू 28,000 करोड़ अतिरिक्त धन


केंद्र सरकार अपने प्रमुख ग्रामीण आवास कार्यक्रम प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) में इस वित्त वर्ष में 28,000 करोड़ रूपये का आवंटन और करने की संभावना तलाश  रही है। इसका मकसद 2024 में अगले आम चुनाव से पहले लक्षित संख्या में मकानों को तेजी से बनाना सुनिश्चित करना है।

अतिरिक्त आवंटन से चालू वित्त वर्ष में इस योजना के लिए कुल आवंटित राशि  48,000 करोड़ रूपये हो सकती है। सूत्रों ने कही कि मार्च 2024 तक ग्रामीण इलाकों में 2.95 करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से 2.06 करोड़ मकान बन चुके हैं और शेष 82 लाख अगले 16 महीने में बनाए जाएंगे।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2023 में सरकार ने ग्रामीण इलाकों में 53 लाख मकान बनाने का लक्ष्य रखा था और वित्त वर्ष 2022 में 61 लाख मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया था। इनमें से संबंधित वित्त वर्ष में 43 लाख मकान बनाए गए।

आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार ग्रामीण इलाकों के राजमिस्त्रियों के प्रशिक्षण, स्थानीय स्तर पर उपयुक्त आवास का नक्षा तैयार करने और विभिन्न स्तरों पर निगरानी के लिए समर्पित ढांचे के कारण मकानों की गुणवत्ता और समय पर निर्माण सुनिष्चित हुआ है।

ग्रामीण आवास कार्यक्रम के अंतर्गत मैदानी इलाकों में पात्र लाभार्थियों को 1.20 लाख रूपये की आर्थिक मदद दी जाती है। पहाड़ी राज्यों में लाभार्थियों को 1.30 लाख रूपये दिए जाने का प्रावधान है।

योजना के दिशानिर्देश  के मुताबिक मैदानी राज्यों में इस पर खर्च होने वाली रकम का 60 फीसदी केंद्र सरकार और 40 फीसदी राज्य सरकार वहन करती है। पहाड़ी और विशष दर्जे वाले राज्यों के मामले में राज्यों के मामले में यह अनुपात 90:10 का है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2022 तक सबके लिए आवास के सपने को साकार करने के लिए केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल, 2016 को प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की शुरूआत की थी। इस योजना के तहत मार्च, 2019 तक देश  भर के ग्रामीण इलाकों में 1 करोड़ पक्के मकान बनाए जा चुके हैं।


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