India’s biggest move in fertilizer: ‘One Nation One Fertilizer’ scheme
- अगस्त 25, 2022
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To bring about uniformity in fertilizer brands across the country, the government on Wednesday issued an order directing all companies to sell their products under a single brand name of ‘Bharat’.
Following the order, all fertilizer bags, whether containing urea DAP, MOP or NPK will sport the brand name as ‘Bharat Urea’, ‘Bharat DAP’,’Bharat MOP’ and ‘Bharat NPK’ irrespective of the company that manufacturers it, whether in the public or the private sector.
This instruction has been issued by the Union Ministry of Chemicals and Fertilizers to all fertilizer factories, state trading companies and marketing companies of fertilizers. It will be clear from the Logo recorded on the sacks of fertilizer that this fertilizer is centrally subsidized. This will help in eliminating the possibility of fertilizer theft. On the sack of fertilizer, two-thirds of one side will mention the new brand and logo.
Apart from this, the top has to be displayed:
- Actual cost = Rs___per bag
- Subsidy by Government of India = Rs___per bag
- MRP = Rs___per bag
In the remaining one-third, the company will print the details. Prime Minister Bhartiya Jan Fertilizer Project will be printed on each sack.
Fertilizer companies have been advised not to purchase sacks with old designs and logos after September 19, 2022. The old sacks and bags of fertilizer will have to be consumed by 21st December.
उर्वरक में भारत का सबसे बड़ा कदम : ‘वन नेशन वन फर्टिलाइजर’ योजना
देश भर में उर्वरक ब्रांडों में एकरूपता लाने के लिए, सरकार ने बुधवार को एक आदेश जारी कर सभी कंपनियों को अपने उत्पादों को ‘भारत’ के एकल ब्रांड नाम के तहत बेचने का निर्देश दिया।
आदेश के बाद, सभी उर्वरक बैग में चाहे यूरिया , डीएपी एमओपी या एनपीके हो, ब्रांड नाम ‘भारत यूरिया’, ‘भारत डीएपी’, ‘भारत एमओपी’ और ‘ भारत एनपीके’ लिखना होगा, चाहे वह कंपनी सावर्जजिनक हो या निजी क्षेत्र में।
केंद्रीय केमिकल और फर्टिलाइजर मंत्रालय की तरफ से यह निर्देष सभी फर्टिलाइजर कारखानों, स्टेट ट्रेडिंग कंपनियों और फर्टिलाइजर की विपणन कंपनियों को जारी किया गया है। फर्टिलाइजर की बोरियों पर दर्ज ‘लोगो’ से स्पष्ट होगा कि यह खाद केंद्रीय सब्सिडी वाली है। इससे फर्टिलाइजर चोरी की संभावना को धटाने में मदद मिलेगी। फर्टिलाइजर की बोरी पर एक साइड के दो-तिहाई हिस्से पर नए ब्रांड और लोगो का उल्लेख होगा।
इसके अलावा सबसे उपर प्रदर्षित करना होगा :
- वास्तविक लागत = रू…………प्रतिबोरी
- भारत सरकार द्वारा सब्सिडी = रू…………प्रतिबोरी
- अधिकतम खुदरा मूल्य = रू…………प्रतिबोरी
बाकी एक तिहाई हिस्से में कंपनी अपना ब्योरा प्रिंट करेगी। प्रत्येक बोरी पर प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना छपा रहेगा।
फर्टिलाइजर कंपनियों को सलाह दी गई है कि वे 19 सितंबर 2022 के बाद पुराने डिजाइन और लोगो वाली बोरियों की खरीद न करें। फर्टिलाइजर की पुरानी बोरियां और बैग 21 दिसंबर तक खपाने होंगे।