Looking at 14-17 per cent growth in next fiscal year
- दिसम्बर 13, 2022
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According to a preliminary internal assessment, the finance ministry, which is working on Revised Estimates (RE) for the current fiscal year (FY2023) and Budget Estimates (BE) for FY2024 as part of the Budget-marking exercise, is looking at pegging 14-17 per cent growth in direct taxes for FY2024 over Rs14.2 trillion BE of FY2023.
“The internal assessment is ongoing as part of the Budget-making exercise. The target depends on nominal GDP growth, which is expected to ease next year with lower inflation, so direct taxes growth will also be in moderate to slightly above moderate level,” a senior government official said.
Taxes are said to be buoyant if gross tax revenues increase more than proportionately in response to a rise in the nominal GDP. While the FY2023 Budget assumed 11.3 per cent nominal GDP growth, actual nominal GDP growth is expected to be much higher due to elevated price pressures.
Official further said, so far, corporate tax has been 22 per cent more than that during the same period last year, despite external headwinds and a rise in commodity prices. This is a reflection of stable profit margins for India Inc as it recovered from the pandemic-induced slowdown. Further clarity would, however, emerge after third installments of advance taxes due on December 15, the official said.
Robust growth in taxes may help the centre meet its fiscal deficit target of 6.4 per cent of GDP. “Higher subsidies, Lower-than-expected disinvestment proceeds, and duty cuts are some risky areas but are expected to be offset by buoyant revenues,” the official added.
Economists, too, expect moderate growth in direct taxes.” The growth in corporate tax collections is robust, in spite of a year-on-year rise in commodity prices. If commodity prices ease further in the coming months, volume growth is likely to improve and margins will benefit, as well, boosting corporate tax growth in the next calendar year.
अगले वित्तीय वर्ष में 14.17 प्रतिशत अधिक लक्ष्य प्राप्ति की संभावना की तलाश
वित्त मंत्रालय चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान और वित्त वर्ष 2024 के बजट अनुमान पर काम कर रहा है। इसके प्रारंभिक आंतरिक आकलन के अनुसार अगले वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर संग्रह वित्त वर्ष 2023 के बजट अनुमान 14.2 लाख करोड़ रूपये से 14 से 17 फीसदी अधिक रहने का लक्ष्य तय करने की संभावना तलाशी जा रही है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि ‘बजट तैयार करने की कवायद के तहत आंतरिक आकलन की प्रक्रिया जारी है। कर संग्रह का लक्ष्य नॉमिनल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि पर निर्भर करेगा क्योंकि मुद्रास्फीति में नरमी से अगले साल जीडीपी वृद्धि भी नरम हो सकती है। ऐसे में प्रत्यक्ष कर संग्रह की वृद्धि भी सीमित रह सकती है।”
अगर सकल कर राजस्व नॉमिनल जीडीपी वृद्धि की तुलना में ज्यादा बढ़ता है तो कर संग्रह में इजाफा हो सकता है। वित्त वर्ष 2023 के बजट अनुमान में नॉमिनल जीडीपी 11.3 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया गया था। लेकिन वास्तविक नॉमिनल जीडीपी वृद्धि कीमतों में तेजी से कहीं ज्यादा रहने की उम्मीद है।
उक्त अधिकारी ने कहा कि बाह्य चुनौतियों और जिंसों के दाम बढ़ने के बावजूद अभी तक कॉर्पोरेट कर संग्रह पिछले साल की समान अवधि से 22 फीसदी ज्यादा रहा है। यह भारतीय उद्योग जगत के मुनाफा मार्जिन में सतत वृद्धि और कोविड के बाद सुधार को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इसमें ज्यादा स्पष्टता 15 दिसंबर को अग्रिम कर संग्रह की तीसरी किस्त के भुगतान बाद आएगी।
कर संग्रह में ज्यादा वृद्धि से केंद्र को राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को जीडीपी के 6.4 फीसदी पर रखने में मदद मिलेगी। अधिकारी ने कहा, ‘ज्यादा सब्सिडी, विनिवेश में उम्मीद से कम प्राप्तियां और कुछ उत्पादों पर शुल्क में कटौती जैसे कुछ जोखिम हैं लेकिन कर प्राप्तियों में उछाल से इसकी काफी हद तक भरपाई हो सकती है।’
एक मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा, ‘जिंसों के दाम बढ़ने के बावजूद कॉर्पोरेट कर संग्रह में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। अगर आने वाले महीनों में जिंसों के दाम और घटते हैं तो कंपनियों की बिक्री बढ़ाने से मार्जिन में सुधार होगा और अगले साल भी कॉर्पोरेट कर संग्रह बढ़ेगां।’