असुरक्षित कर्ज महंगा होगा
- दिसम्बर 15, 2023
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पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड जैसे असुरक्षित ऋण में बढ़ोतरी पर बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को आगाह करने के बाद भारतीय रिर्जव बैंक (आरबीआई) ने ऐसे ऋणों के लिए जोखिम भार 100 फीसदी से बढ़ाकर 125 फीसदी कर दिया है।
जोखिम भार बढ़ने का मतलब है कि बैंकों को ऐसे कर्ज देते समय ज्यादा पूंजी अलग रखनी होगी जिसके परिणामस्वरूप ऋणदाता ऐसे कर्ज पर ब्याज दरों में इजाफा कर सकते है।
नए मानदंड, जो तत्काल प्रभाव से लागू होते हैं, नए और बकाया ऋणों के लिए लागू होते हैं। इसमें पर्सनल लोन भी शामिल है लेकिन आवास ऋण, शिक्षा ऋण, वाहन ऋण और सोना तथा स्वर्ग आभूशण के बदले दिया जाने वाला सुरक्षित ऋण इसके दायरे में नहीं आएगा।
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार बैंकों की कुल उधारी में करीब 20 फीसदी का इजाफा हुआ है, जिसमें क्रेडिट कार्ड ऋण वृद्धि करीब 30 फीसदी और पर्सनल लोन 25 फीसदी उधारी बढ़ी है। जोखिम भार बढ़ाने के कारण ऋण पोर्टफोलियो पर असर पड़ने की संभावना है। सितंबर अंत तक बैंक का कुल रिटेल पोर्टफोलियो करीब 48.26 लाख करोड़ रूपये का था।
कुल मिलाकर इसका संदेश सतर्क रहने का है। कोई भी खंड जो तेजी से बढ़ रहा है, उससे संबंधित खंड की संपत्ति की गुणवत्ता में चुनौतियां आने की आशंका रहती है।